चेन्नई. चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग के बाद चंद्रयान-3 के दो महाबली लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान वैज्ञानिकों को प्रतिदिन नयी जानकारियां दे रहे हैं जिनमें सबसे अहम चंदामामा पर आॅक्सीजन की उपस्थिति है।
लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान दोनों में एक दूसरे की सच्चाई को धरती पर भेजने की जैसे होड़-सी लग गई है। बुधवार को प्रज्ञान ने विक्रम की तस्वीर भेजी थी तो गुरुवार को विक्रम ने प्रज्ञान का मजेदार वीडियो भेजा।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन(इसरो) ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर आज एक वीडियो जारी करते हुए कहा कि इस वीडियो में रोवर सुरक्षित रास्ते की तलाश में 360 डिग्री घूम रहा है जिससे ऐसा लग रहा है कि वह चांद की सतह पर अठखेलियां कर रहा है।
इसरो ने कहा, सुरक्षित रास्ते के लिए घूमते हुए रोवर प्रज्ञान का वीडियो लैंडर विक्रम ने रिकॉर्ड किया है। इस वीडियो में ऐसा लग रहा है कि एक बच्चा चंदामामा के आंगन में खेल रहा है और उसकी मां प्यार से उसको खेलते हुए देख रही है।
इसरो के अनुसार चंद्रयान-3 चांद के दक्षिणी ध्रुव पर खोजबीन कर रहा है। चंद्रयान-3 का विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर ठीक तरह से काम कर रहे हैं। प्रज्ञान ने चांद के इस ध्रुव पर आॅक्सीजन और सल्फर के अलवा एल्युमीनियम, कैल्शियम, लौह, क्रोमियम, टाइटैनियम, मैंगनीज, सिलिकॉन का भी पता लगाया है। फिलहाल हाइड्रोजन की खोज जारी है।
इसरो ने प्रज्ञान के खोज को लेकर बताया, रोवर पर लगे लेजर-प्रेरित ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोप उपकरण ने पहली बार इन-सीटू मैपिंग के माध्यम से दक्षिणी ध्रुव के पास चांद सतह में सल्फर की उपस्थिति की स्पष्ट रूप से पुष्टि की है। जैसी उम्मीद थी, एल्यूमिनियम, कैल्शियम, आयरन, क्रोमियम, टाइटेनियम, मैग्नीज, सिलिकॉन और आॅक्सीजन का भी पता चला है। अब हाइड्रोजन की खोज जारी है। इनमें से कई खनिज बेहद दुर्लभ और बेशकीमती हैं।
उल्लेखनीय है कि हाइड्रोजन और आॅक्सीजन की प्रतिक्रिया से पानी का निर्माण होता है और जीवन के लिए हवा और पानी अहम है। ऐसे में चांद पर बस्ती बनाने की योजना को बल मिल सकता है।
Chandrayaan-3 Mission:
The rover was rotated in search of a safe route. The rotation was captured by a Lander Imager Camera.It feels as though a child is playfully frolicking in the yards of Chandamama, while the mother watches affectionately.
Isn't it?🙂 pic.twitter.com/w5FwFZzDMp— ISRO (@isro) August 31, 2023