बीएसएनएल के लिए 1.64 लाख करोड़ का पैकेज, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दी मंजूरी

वर्ष 2027 तक इस सरकारी कंपनी को लाभ में लाने की तैयारी

नई दिल्ली. सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार सेवाएं प्रदान करने वाली कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) को 4 जी सेवाएं शुरू करने और स्पेक्ट्रम आवंटन के साथ ही 5 जी सेवा की तैयार करने के उद्देश्य से बुधवार को 1.64 लाख करोड़ रुपए के पैकेज को मंजूरी दी। यह पैकेज 4 साल के लिए है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह मंजूरी दी गयी। सरकार ने दूरसंचार क्षेत्र को रणनीतिक क्षेत्र मानते हुये और टेलीकॉम बाजार में संतुलन बनाए रखने के लिए बीएसएनएल की मौजूदगी के महत्व को रेखांकित किया और इस पैकेज को मंजूरी दी है। उसने कहा है कि बीएसएनएल ग्रामीण क्षेत्रों में टेलीकॉम सेवाओं की पहुंच में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। इसके साथ ही स्वेदशी प्रौद्योगिकी और आपदा राहत में भी कंपनी की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसके साथ ही सरकार बीएसएनएल को इस पैकेज के बल पर वित्त वर्ष 2026-27 तक लाभ की स्थिति में पहुंचाना चाहती है।

बैठक के बाद संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संवाददाताओं को यह जानकारी देते हुये कहा कि इस पैकेज में नकदी के साथ ही सरकार की बैंक गारंटी और इक्विटी भी शामिल है। उन्होंने कहा कि भारत ब्राडबैंड निगम लिमिटेड (बीबीएनएल) का बीएसएनएल में विलय करने का निर्णय लिया गया है जिससे बीएसएनएल के आॅप्टिकल फाइबर नेटवर्क की क्षमता बढ़कर 14 लाख किलोमीटर से अधिक हो जायेगी। इस पैकेज में 41 हजार करोड़ रुपए की नकदी आर्थिक सहायता भी शामिल है।

इसके साथ ही बीएसएनएल जो बैंकों ने ऋण लिये हुआ है उसको कम दर की ब्याज दर पर ऋण लेकर पुनर्भगतान करने के लिए बैंक गारंटी भी दी जाएगी। इससे बीएसएनएल को कुछ राहत मिलेगी और उसके बैलेंस सीट को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी। बीएसएनएल को 44993 करोड़ रुपए के इक्विटी निवेश के माध्यम से 900/1800 मेगाहर्टज बैंड में स्पेक्ट्रम का प्रशासनिक आवंटन किया जायेगा। इससे बीएसएनएल बाजार में प्रतिस्पर्धा कर सकेगी और धीरे-धीरे 5 जी सेवा की ओर बढ़ेगी।

ग्रामीण इलाकों में 4 जी नेटवर्क के लिए 26316 करोड़ रुपए मंजूर
केंद्रीय कैबिनेट ने अब तक दूरसंचार सेवाओं से वंचित गांवों में 4 जी सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए 26316 करोड़ रुपए की राशि मंजूर की है। देश के अभी करीब 25 हजार गांव ऐसे हैं जहां दूरसंचार नेटवर्क नहीं है। इन गांवों में 4 जी सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए यह राशि मंजूर की गई है।

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