कोटड़ी-गुमानपुरा गे्रड सेपरेटर पर यातायात शुरू, ट्रैफिक लाइट फ्री हुआ झालावाड़ रोड

  • स्टेशन से झालावाड़ रोड तक कोई ट्रैफिक लाइट नहीं, 90 फीसदी कार्य पूरा, सौंदर्यीकरण जारी

कोटा. शहर के रेलवे स्टेशन से लेकर झालावाड़ रोड तक को ट्रैफिक लाइट फ्री बनाने में अंतिम कड़ी बुधवार को जोड़ दी गई। यहां कोटड़ी ग्रेड सेपरेटर के लिए तैयार ओवरब्रिज पर यातायात शुरू कर दिया गया। इसके साथ ही नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल द्वारा की गई घोषणा भी पूरी हो गई। शहर में स्टेशन से लेकर झालावाड़ रोड तक शहर पार करने तक पूरा शहर ट्रैफिक लाइट फ्री हो गया है। करीब 20 किलोमीटर के इस क्षेत्र में एक भी टैÑफिक लाइट नहीं है, जहां यातायात रोकने की जरूरत पड़े। इसके लिए कहीं अण्डरपास बनाए गए हैं तो कहीं ओवर ब्रिज बनाए गए हैं।

स्टेशन से शुरू होने वाले इस रोड पर सबसे पहले अंटाघर चौराहे पर ट्रैफिक लाइट थी, जहां अण्डरपास बना दिया गया है। अब यहां भी ट्रैफिक को रोकने की जरूरत नहीं है। इसके बाद कोटड़ी में ट्रैफिक लाइट थी, जिसे हटाने के लिए ग्रेड सैपरेटर बनाया गया है। इसमें एलिवेटेड रोड के ऊपर यातायात बुधवार को शुरू कर दिया गया। अण्डरपास से यातायात की शुरुआत होने का काम बाकी है, इसके अलावा सौंदर्यीकरण का कार्य भी शेष है।

इसके बाद इस रोड पर एरोड्राम पर भी ट्रैफिक लाइट लगाई गई थी, जिसे बाद में हटा लिया गया और फिर इस चौराहे पर भी अण्डर पास और ओवर ब्रिज बना दिए गए। झालावाड़ के बाद विज्ञान नगर चौराहा, कॉमर्स कॉलेज चौराहों पर पहले से ही फ्लाई ओवर बनाए जा चुके हैं। इनके बाद गोबरिया बावड़ी सर्किल पर भी फ्लाईओवर और अण्डर पास बनाए जा चुके हैं।

ऐसे में यहां भी ट्रैफिक लाइट की कोई जरूरत नहीं रही है। इसके बाद अनंतपुरा चौराहे पर ट्रैफिक लाइट हुआ करती थी, जहां भी फ्लाईओवर बना दिए गए हैं। ऐसे में यहां भी अब ट्रैफिक रोकने की जरूरत नहीं है। इसके बाद शहर पार करने में कोई चौराहा नहीं आता और नेशनल हाइवे के हैंगिंग ब्रिज रोड के नीचे से निकलते हुए झालावाड़ रोड हाइवे शुरू हो जाता है। ऐसे में स्टेशन से निकलने वाले शहरवासी को शहर पार करने में कहीं भी ट्रैफिक लाइट की रुकावट का सामना नहीं करना पड़ेगा।

एक नजर में गे्रड सेपरेटर

  • लागत 12.71 करोड़
  • लम्बाई 225 मीटर
  • चौड़ाई 7.5 मीटर, 2 लेन
  • 11-11 मीटर पर 4 स्पान
  • अंडरपास 7.5 मीटर चौड़ाई, अतिरिक्त स्थान 11 मीटर
  • अंडरपास की ऊंचाई 3.5 मीटर बसें भी निकल सकेंगी
  • स्लीपलाइन दोनों साइड 7.5 मीटर चौड़ी
  • जल भराव से बचाव के लिए 150 मीटर नाले का निर्माण
  • 80 फीसदी ट्रैफिक को ग्रेड सेपरेटर से सुगम होगा
  • सौंदर्यीकरण आकर्षक होगा

ग्रेड सैपरेटर शुरू होने के बाद यह रहेगी यातायात की व्यवस्था

  • स्टेशन से एरोड्राम जाने वाला ट्रैफिक वर्तमान में संचालित स्लीप लेन से गुजरेगा
  • एरोड्राम से स्टेशन वाला ट्रैफिक फ्लाईओवर से जाएगा
  • गुमानपुरा से एरोड्राम सर्किल झालावाड रोड जाने वाले वाहन जल्द अंडरपास से निकलेंगे।
  • स्टेशन से सेवन वंडर रोड के लिए भी अंडरपास से यातायात आवागमन शुरू कर दिया जाएगा।
  • कोटड़ी से गुमानपुरा जाने वाले वाहन चालक पेट्रोलपंप के पास सर्किल से होकर गुमानपुरा जा सकेंगे।

ग्रीन कॉरिडोर के रूप में हो सकता है इस्तेमाल
शहर का यह रास्ता अब ग्रीन कॉरिडोर के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। शहर के किसी वाहन को शहर से बाहर भेजना है तो बिना शहरी यातायात को रोके हुए ग्रीन कोरिडोर आसानी से बनाया जा सकता है। वाहन जल्दी शहर पार कर सकते हैं। शहर के विभिन्न इलाकों में जाने के लिए भी इन रास्तों से वैकल्पिक रास्ते तैयार कर दिए गए हैं। रास्ते चौड़े भी कर दिए गए हैं।

रोड साइड अतिक्रमण भी नहीं होगा
नगर विकास न्यास द्वारा स्मार्ट सिटी योजना के तहत सड़कों की दशा भी सुधारी गई है। इसके तहत शहर की अधिकांश सड़कों को किनारों तक पक्का कर दिया गया है। दीवारों तक सड़क निर्माण के बाद कच्ची मिट्टी नहीं रहने के कारण अब यहां ठेले या थड़ियां नहीं लगाई जा सकेंगी। यातायात पूरी चौड़ाई में प्रवाहित हो सकेगा। इससे शहर की सड़कें चौड़ी भी नजर आ रही है।

अब हरियाली की जरूरत
शहर में सड़कें चौड़ी हो गई हैं लेकिन इसके चलते कई रास्तों के बड़े पेड़ तक हटा दिए गए हैं। ऐसे पुराने पेड़ जो रास्तों की पहचान हुआ करते थे, वे भी हटा दिए गए हैं। अब इस पूरे रास्ते में ज्यादातर जगह हरियाली का अभाव झलकता है। ऐसे में नगर विकास न्यास को चाहिए कि इस रास्ते में बड़े और छायादार पेड़ भी चिह्नित स्थानों पर लगाए जाएं ताकि राहगिर को विपरीत परिस्थितियों में छाया मिल सके।

फ्लाईओवर के नीचे अतिक्रमण नहीं हो
शहर में स्टेशन से झालावाड़ रोड पर कई फ्लाईओवर तैयार हो गए हैं। फ्लाईओवर्स पर ऊपर की ओर से वाहन निकलने पर तो स्थितियां सामान्य रहती हैं लेकिन फ्लाईओवर के नीचे सामान्यत: लोग थड़ियां या दुकानें लगा लेते हैं। कई जगह नगर विकास न्यास द्वारा पार्किंग के लिए किराये पर भी दे दी गई है। ऐसे में बदसूरती तो दिखती है ही साथ ही इन स्थानों पर अतिक्रमण भी होते हैं और परेशानी का सबब बन जाते हैं। अपराध के भी अड्डे बाद में ये साबित होते हैं। इसके लिए भी न्यास को व्यापक प्रबंध किए जाने चाहिए।

ट्रैफिक पुलिस की बढ़ेगी जिम्मेदारी
शहर में चौड़ी सड़कें और फ्लाईओवर तथा ट्रैफिक लाइट नहीं होने के बाद अब वाहनों की रफ्तार बढ़ेगी और रॉंग साइड वाहन चलाने वाले वाहन चालक भी बढ़ेंगे। शॉर्ट कट लेने के लिए वाहन चालक गलत साइड से आएंगे और अपनी साइड से आ रहे वाहन चालकों से भिड़ने का खतरा बना रहेगा। कई जगह अण्डरपास पार करने से बचने के लिए भी वाहन चालक रॉंग साइड वाहन चलाएंगे। वहीं सीधे रोड होने के बाद फर्राटे भरते वाहन भी दुर्घटनाओं को निमंत्रण दे सकते हैं। ऐसे में एक्टिव ट्रैफिक पुलिसिंग बहुत जरूरी हो जाएगी।

चार माह में तैयार हुआ ग्रेड सेपरेटर
बुधवार को ग्रेड सेपरेटर के फ्लाईओवर से यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के निर्देश पर जन सुविधाओं का ध्यान रखते हुए एक तरफा आवागमन शुरू कर दिया गया है। फिनिशिंग कार्य भी जल्द पूर्ण कर दिए जाएंगे। वर्तमान गे्रड सेपरेटर का निर्माण कार्य लगभग 90 प्रतिशत पूरा हो गया है। अब ग्रड सेपरेटर के नीचे फिनिशिंग कार्य और स्टेशन से एरोड्राम की ओर जाने वाली सड़क का सुदृढ़ीकरण का कार्य बचा हुआ है। साथ एचपी पेट्रोल पम्प के सामने सर्किल का निर्माण होना है।

वर्तमान में स्टेशन से एरोड्राम की ओर जाने वाले वाहनों के लिए चालू किया गया है। निर्माण कार्य पूरा होने के बाद एरोड्राम से स्टेशन की ओर जाने वाले वाहन इस गे्रट सेपरेटर से गुजरेंगे। इस प्रोजेक्ट का गत् 2 मार्च को प्रोजेक्ट के शुभारम्भ किया गया था। महज 4 महीने में ही प्रोजेक्ट के अधिकतर हिस्सों को निर्माण कार्य को पूरा किया जा चुका है। न्यास सचिव राजेश जोशी ने बताया कि यह हाड़ौती का पहला ग्रेड सेपरेटर है। सौगात जल्द कोटावासियो को मिली हैं।

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