Kota: शिकार के चक्कर में बंदर के साथ कुएं में गिरा पैंथर, 7 घंटे तक दोनों कुएं में रहे, जिंदा निकले

कोटा/रावतभाटा. अभ्यारण क्षेत्र के चैनपुरा गांव में गुरुवार तड़के बंदर का शिकार करने के चक्कर में पैंथर बंदर के साथ कुएं में जा गिरा। इसके बाद दोनों सात घंटे तक कुएं में रहे लेकिन एक दूसरे पर हमला नहीं किया। छटपटाहट के बाद दोपहर 4 बजे वन विभाग ने ट्रैंकुलाइज कर पैंथर को बाहर निकाला तो सीढ़ी लगाने के बाद बंदर खुद बाहर निकल कर भाग गया।

जानकारी के अनुसार भेरूलाल प्रजापत के खेत के कुएं में पैंथर और बंदर जा गिरे, भेरूलाल और उसकी पत्नी खेत पर गए तो कुएं में बंदर दिखा, इस पर उन्होंने उसे निकालने के लिए रस्सी लटकाते ही तभी पैंथर नजर आ गया। घबराए पति-पत्नी ने ग्रामीणों को सूचना दी ग्रामीणों ने वन्यजीव विभाग रेंजर दिनेश नाथ को सूचना दी। दिनेश नाथ वन कार्मिकों के साथ मौके पर पहुंचे और पैंथर और बंदर को निकालने की मशक्कत शुरू की, लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी। दोपहर 12 बजे कुएं में सीढ़ी डाली गई, लेकिन सहमा पैंथर सीढ़िया नहीं चढ़ पाया।

चालाक बंदर सीढ़ियां सरपट दौड़ गया, कुएं में पैंथर होने की पुष्टि होने के बाद कोटा वन्य जीव विभाग को सूचना दी गई। वहां से पहुंची टीम ने 2 घंटे रेस्क्यू कर कुए के कोने में छिपे पैंथर को ट्रैंकुलाइज कर जाल में समेटा और रस्सियों के सहारे बाहर निकाल कर पिंजरे में कैद कर लिया। ट्रैंकुलाइज करने से पहले पिंजरा भी कुएं में उतारा गया, लेकिन पैंथर टस से मस नहीं हुआ। ग्रामीणों के शोर और कुएं के अंधेरे ने उसे भयभीत कर दिया था। ट्रेंकुलाइज के बाद उसके स्वास्थ्य की जांच की गई, वह सुरक्षित पाया गया। उसे पिंजरे में कैद कर कोटा अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क ले जाया गया, जहां उसे वन्यजीव चिकित्सकों की निगरानी में रखा जाएगा।

यह थी रेस्क्यू टीम
पैंथर को निकालने के लिए कोटा वन्यजीव विभाग के ट्रैंकुलाइज स्पेशलिस्ट डॉ. विलासराव वशिष्ठ चिकित्सा अधिकारी, भैंसरोड गढ़ अभ्यारण के रैंजर दिनेश नाथ, मनोज शर्मा, राजेंद्र चौधरी, रवि लोट, रजत खटीक, महावीर मीणा, नवाब सिंह, कमल प्रजापत शामिल रहे।

अभ्यारण में हैं 11 पैंथर
भैंसरोडगढ़ वन्यजीव अभ्यारण में 11 पैंथरों की उपस्थिति दर्ज है। रैंजर दिनेश नाथ ने बताया कि अभ्यारण में वन्यजीव गर्मी में प्यास बुझाने और खाने की तलाश में बस्तियों के आस पास आ जाते हैं। बंदर का शिकार करने के चक्कर में पैंथर कुएं में जा गिरा। हाल ही में पैंथरों की निगरानी के लिए और उनकी आबोहवा माकूल बनाने के लिए अभ्यारण में सर्वे शुरू हुआ है, जिसमें कैट्स प्रजाति में बाघ, पैंथर शामिल किए जाते हैं। अभ्यारण में पैंथर, भालू हिरण एवं अन्य वन्यजीवों को शामिल किया गया है। यह सर्वे ऑल इंडिया टाइगर कंजर्वेशन और डब्लूआईई के संयुक्त तत्वाधान में किया जाएगा। वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया देहरादून से रिसर्चर रोहन देसाई, कौशिक कोहली और मोहित पात्रा वन कर्मियों को विशेष प्रशिक्षण दे रहे हैं।

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