Kota: विकास प्राधिकरण से बढ़ेगा विकास का दायरा, मास्टर प्लान कोटा में ही हो सकेंगे अनुमोदित

कोटा. राज्य सरकार की ओर से बजट घोषणा में कोटा विकास प्राधिकरण की घोषणा कोटा के लिए सबसे अहम घोषणा है। इससे के कोटा विकास में नए आयाम स्थापित किए जा सकेंगे। नगर विकास न्यास के विशेष सलाहकार आरडी मीणा ने बताया कि कोटा विकास प्राधिकारण की घोषणा से आसपास के क्षेत्र का अच्छे से विकास हो सकेगा। ग्रामीण क्षेत्रों के लिए प्राधिकरण द्वारा विशेष डेवलपमेंट प्लान बनाया जा सकेगा। प्राधिकरण बनने से अब कोटा में ही कई सारे निर्णय लिए जा सकेंगे। पहले एक निर्धारित लिमिट के बाद हमें राज्य सरकार की स्वीकृति के लिए भेजना पड़ता था, वो अब प्राधिकरण अपने स्तर पर ले सकेगा।

चेयरमैन की राजनीतिक नियुक्ति व केडीसी आईएएस : राज्य सरकार की ओर केडीए के गठन की घोषणा के बाद अब केडीए के अधिनियम बनाने का कार्य शुरू होगा। इसका अनुमोदन राज्य सरकार से होने के बाद केडीए का गजट नोटिफिकेशन प्रकाशित होने के पश्चात चेयरमैन व केडीसी में शक्तियां निहित हो सकेगी। केडीसी का चेयरमैन ज्यादातर प्राधिकरण में संभागीय आयुक्त होता है।

कभी-कभी अन्य लोगों को चेयरमैन नियुक्त कर दिया जाता है। केडीए का आयुक्त केडीसी कहलाएगा, केडीसी आईएएस लेवल का अधिकारी लेगेगा। उनके नीचे वरिष्ठ आरएएस या प्रमोटी आईएएस को सचिव के पद पर लगाया जाएगा। इसके अलावा कार्यकारी समिति का गठन होगा। इसका अध्यक्ष केडीसी होगा। सदस्य सचिव केडीसी सचिव होगा।

नगरीय विकास विभाग का प्रमुख शासन सचिव सदस्य, लोक निर्माण विभाग का मुख्य अभियंता सदस्य, मुख्य अभियंता लोक स्वास्थ्य अभियंत्रिकी विभाग, वितरण निगम का प्रबंध निदेशक, प्रबंध निदेशक रीको, प्रबंध निदेशक रोडवेज, उपनिदेशक निदेशक पर्यटन विभाग, प्राधिकरण का निदेशक अभियांत्रिकी, प्राधिकरण का निदेशक नगर नियोजन, प्राधिकरण का निदेशक वित्त, प्राधिकरण का निदेशक विधि, जिला कलक्टर कोटा, पुलिस अधीक्षक कोटा, आयुक्त कोटा उत्तर व दक्षिण सदस्य होंगे। यातायात समस्या का निस्तारण के लिए कोटा यातायात नियंत्रण बोर्ड का गठन होगा। अतिक्रमण हटाने के अलग से एक टीम बनेगी, आरएएस लेवल का अधिकारी प्रभारी होगा, अतिक्रमण दस्ते की पुलिस फोर्स का नेतृत्व एसपी स्तर का अधिकारी करेगा।

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