- बालिका को दिलाया अस्थाई आश्रय, मेडिकल भी कराया
कोटा/सुल्तानपुर. सुल्तानपुर थाना क्षेत्र के एक गांव में अपने ही पड़ौस में रहने वाली नाबालिग बालिका को उठाकर अपने घर के संदूक में बंद करने और उसे बाद में छोडने के दौरान गांव वालों द्वारा देखने पर नाबालिग द्वारा डर के मारे अपने आप को फंदे पर लटक कर मौत के घाट उतारने का मामला सामने आया है।
बाल कल्याण समिति सदस्य आबिद अब्बासी ने बताया कि सुल्तानपुर थाने के सिपाही विजेन्द्र सिंह ने एक बालिका को रोस्टर सदस्य अब्बासी के समक्ष पेश किया। बालिका ने काउंसलिग में बताया कि उसे पड़ौस में रहने वाले एक लड़ने ने रात को करीब एक बजे घर पर लघुशंका करने के दौरान उठा लिया और अपने घर ले गया। वहां उस बालिका को बक्से में बंद कर दिया। उस लड़के ने बालिका को रात को दो बार पानी भी पिलाया।
घटना 15 जून की है। बालिका जब घर पर नहीं मिली तो परिवार वाले चिंतित हो गए, इधर-उधर व रिश्तेदारों के यहां तलाश किया तो कहीं भी बालिका का पता नहीं चला, परिजनों ने बालिका की रिपोर्ट सुल्तानपुर थाने में दर्ज कराई, उसके बाद पुलिस ने बालिका की तलाश की, जब ये बात लड़के को पता चली तो उसने बालिका को छोड़ दिया, बालिका को छोड़ते समय कुछ लोगों ने युवक को देख लिया, वहीं लड़की के परिजनों ने भी पडौस के लड़के पर शक जाहिर किया, ऐसे में गांव में हंगामा हो गया और लोगों की भीड़ जमा हो गई, देखते ही देखते पूरा गांव जमा हो गया, लोगों ने पुलिस को सूचना दी तो पुलिस जाब्ता भी लडके के घर पहुंच गया।
ये पूरा घटनाक्रम देखकर लड़का डर गया, उसे लगा कि ये सभी मिलकर मारपीट करेंगे, इस पर बालक ने फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने जब दरबाजा खोला तो नाबालिग फंदे पर लटका हुआ मिला। नाबालिग लड़के के पास एक सुसाइड नोट मिला जिसमें उसने प्रेम प्रसंग की बात लिखी हुई थी। इस पर पुलिस ने तुरंत शव को फंदे से उतारकर चिकित्सालय पहुंचाया, जहां गुरुवार को शव का पोस्टमार्टम करवा कर परिजनों के सुपुर्द कर दिया। पुलिस द्वारा मृतक के पिता की रिपोर्ट पर मृग दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। वहीं बालिका को आश्रय की आवश्यकता को देखते हुए नारीशाला में आस्थाई आश्रय दिया गया है, वहीं बालिका का मेडिकल भी कराया गया है।