कोटा. सुकेत दुष्कर्म केस में न्यायालय (पोक्सो क्रम-एक) ने शनिवार को फैसला सुनाया। इसमें न्यायालय ने 14 आरोपियों को 20-20 साल के कारावास की सजा सुनाई। वहीं आरोपी एक युवती व युवक को चार-चार साल के कारावास की सजा से दंडित किया गया। मामले में 12 आरोपियों को बरी कर दिया गया। इस मामले में अभियुक्त एक युवती ही नाबालिग बच्ची को आरोपियों के पास ले गई थी। इससे पहले हुई बहस में पोक्सो कोर्ट के न्यायाधीश अशोक चौधरी ने प्रकरण में 28 आरोपियों में से 16 को दोषी करार दिया।
इस मामले में टिप्पणी करते हुए कोर्ट ने कहा कि समय रहते झालावाड़ पुलिस काम करती तो यह वारदात नहीं होती। क्योंकि पीड़िता के साथ पहले भी दुष्कर्म हो चुका था। कोर्ट ने इस केस को ‘गैंग रेप’ की श्रेणी में नही माना, क्योंकि आरोपियों ने अलग-अलग जगह पर पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया था। कोर्ट ने दुष्कर्म की वारदात को गम्भीर माना। पीड़िता के 164 के बयान को मजबूत आधार मानते हुए 170 पेज का फैसला सुनाया।
दर्ज प्रकरण के अनुसार 6 मार्च को सुकेत कस्बे की 15 साल की नाबालिग ने थाने में शिकायत दर्ज करवाई थी। जिसमें बताया था कि 25 फरवरी को उसकी पहचान की लड़की और उसका साथी उसे बैग दिलाने के बहाने झालावाड़ ले गए थे। वहां उसे कुछ बदमाशों के हवाले कर दिया। डेढ़ दर्जन बदमाशों ने झालावाड़ जिले के गागरोन क्षेत्र में ले जाकर 9 दिन तक उसके साथ कई बार दुष्कर्म किया। शिकायत के बाद पुलिस ने 3 महिला समेत 31 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। इनमें 4 नाबालिग थे। पुलिस प्रशासन ने मामले में लापरवाही बरतने पर सुकेत थाना एसएचओ को लाइन हाजिर व एक एएसआई को सस्पेंड किया था।
पुलिस ने इस मामले में 7 मई को 27 आरोपियों के खिलाफ पोक्सो कोर्ट में चालान पेश किया था। लगभग 1750 पन्नों में दरिंदगी की दास्तान लिखी थी। इस प्रकरण में शामिल ज्यादातर आरोपी झालावाड़ जिले के हैं। प्रकरण के अनुसार सबसे पहले 25 फरवरी को सुकेत की बुलबुल नाम की युवती और चौथमल पीड़िता को बैग दिलाने के बहाने झालावाड़ ले गए। वहां एक पार्क में कुछ लड़के बैठे थे, जो पीडिता को एक मोहल्ले में ले गए वहां हंगामा हुआ तो भाग गए। वहां से नाबालिग को झालावाड़ ले गए और एक मोहल्ले में निर्माणाधीन मकान की दूसरी मंजिल पर पूरी रात रेप किया। उसके बाद होटल मेंं दुष्कर्म किया। वहां से गागरोन ले गए। यहां कुछ और आरोपियों ने दुष्कर्म किया।
कार्रवाई की मांग को लेकर विधानसभा में भी गूंजा था यह मामला
सुकेत दुष्कर्म प्रकरण में कार्रवाई की मांग को लेकर यह मामला राज्य विधानसभा में भी उठाया गया था। विधायक मदन दिलावर ने मामले हुई गिरफ्तारी पर सवाल उठाए थे। भाजपा विधायक संदीप शर्मा, प्रतापसिंह सिंघवी के साथ चन्द्रकान्ता मेघवाल ने भी आवाज उठाई थी। इसी सिलसिले में राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के सदस्य सुभाष रामनाथ पारधी भी कोटा पहुंचे थे। सुभाष रामनाथ पारधी ने सुकेत रेप घटना को देश की सबसे बड़ी घटना बताया था। इस घटना को लेकर पूरे राजस्थान में हंगामा हुआ, धरने प्रदर्शन हुए और आरोपियों को फांसी की सजा तक की मांग उठी।
इन लोगों को सुनाई सजा
कोर्ट ने राजाखान, शाहरुख, तौहीद उर्फ नाना, अरशद अयूब उर्फ चिंटू, बिट्टू उर्फ वारिस अब्बासी, नब्बू उर्फ नवाब, आफताब मजीद उर्फ छोटू, साहिल उर्फ मोहम्मद कैफ, इमरान उर्फ बाबू, शोएब उर्फ शोयद, शाहरुख उर्फ सन्नाटा व मोहम्मद आसिफ को 20-20 साल की सजा सुनाई। वहीं पूजा जैन उर्फ बुलबुल और चौथमल को 4-4 साल की सजा सुनाई गई।