GST परिषद की बैठक: जीएसटी में बदलाव, होटल, अस्पताल के कमरे, बैंक चेक होंगे महंगे

  • जीएसटी परिषद की बैठक आयोजित: संशोधित दरें 18 जुलाई से लागू होंगी

नई दिल्ली. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में वस्तु एवं सेवा-कर (जीएसटी) परिषद ने बुधवार को दरों को युक्तिसंगत करने और उल्टे शुल्क ढांचे की शिकायतें दूर करने के लिए कई वस्तुओं पर कर में बदलाव किया और कुछ वस्तुओं और सेवाओं पर छूट वापस लेने का फैसला किया।
सर्वाधिकार सम्पन्न जीएसटी परिषद की चंडीगढ़ में सम्पन्न दो दिवसीय बैठक में संशोधित जीएसटी की दरें अब 18 जुलाई से लागू हो जाएंगी।

बैठक की जानकारी देते हुए परिषद की अध्यक्ष एवं केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि परिषद ने कई वस्तुओं पर जीएसटी (वस्तु और सेवा कर) को संशोधित करने की सिफारिश की है। बैठक के बाद जारी सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार नए निर्णयों से चाकू, कागज के चाकू, पेंसिल शार्पनर, चम्मच, कांटे, करछुल, स्किमर्स और केक-सर्वर पर जीएसटी की दर 12 से बढ़कर 18 प्रतिशत हो जाएगी।

बीजों, अनाज और दालों की सफाई, छंटाई या ग्रेडिंग की मशीनों, अनाज मिलों में प्रयुक्त मशीनरी, पवन चक्की और वेट ग्राइंडर पर कर की दर 5 प्रतिशत की जगह 18 लागू होगी। इस निर्णय से होटल के अपेक्षाकृत सस्ते कमरों पर जीएसटी लागू होने से ये कमरे महंगे होंगे। अब 1,000 रुपए प्रतिदिन से कम के किराए वाले होटल कक्ष के लिए 12 प्रतिशत जीएसटी लागू होगा। इसी तरह प्रति मरीज 5,000 रुपए प्रतिदिन से अधिक के अस्पताल के कमरे का किराया (आईसीयू को छोड़कर) 5 प्रतिशत जीएसटी के दायरे में आएगा और इस पर इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ नहीं मिलेगा।

जीएसटी परिषद ने बैंक चेक पर कर छूट को वापस लेने और 18 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगाने का भी फैसला किया। मानचित्र और हाइड्रोग्राफिक या सभी प्रकार के समान चार्ट, जिनमें एटलस, वॉल मैप, स्थलाकृतिक योजना वाले मानचित्र और ग्लोब पर जीएसटी की छूट खत्म की जा रही है और इन पर 12 प्रतिशत जीएसटी लागू होगा।

कंपोजीशन करदाताओं को कुछ शर्तों के अधीन ई-कॉमर्स आॅपरेटरों के माध्यम से राज्य के भीतर आपूर्ति करने की अनुमति होगी।सीतारमण ने कहा कि क्षतिपूरक उपकर के मुद्दे पर लगभग 16 राज्य ऐसे थे जिन्होंने मुआवजा उपकर के बारे में बात की थी, लेकिन ऐसा नहीं है कि सभी ने इस उपकर की अवधि को बढ़ाने को कहा हो। इनमें तीन-चार ऐसे भी राज्य हैं जिन्होंने कहा कि यह व्यवस्था कब तक चलाई जा सकती है।

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