Bundi: वंशवर्धन सिंह बने बूंदी रियासत के 26वें महाराजा, राजसी ठाठबाट से निकली सवारी

बूंदी. हाड़ा वंश की सबसे पुरानी रियासत बूंदी के 26वें महाराजा के तौर पर वंशवर्धन सिंह ने शनिवार को देशभर के कई प्रतिष्ठित राजपरिवारों की मौजूदगी में पाग धारण की। उन्हें बूंदी रियासत के भाणेज और अलवर महाराजा पूर्व केन्द्रीय मंत्री भंवर जितेन्द्रसिंह ने पाग धारण करवाई। राजसी परम्पराओं और वैदिक मंत्रोच्चार के बीच वंशवर्धन सिंह का राजतिलक किया गया। इसके साथ ही 12 वर्ष से रिक्त बूंदी पूर्व राज परिवार के मुखिया के तौर पर अब वंशवर्धनसिंह पहचाने जाएंगे।

सुबह माताजी का चौकी मोती महल में स्नान, अभिषेक के बाद वंशवर्धन सिंह ने आशापुरा माता मंदिर, रंगनाथजी मंदिर और मोती महल में सतियों की पूजा अर्चना की। सुबह 10 बजे से गणमान्य लोग और आमंत्रित राजपरिवार, ठिकानेदार और पारिवारिक सदस्यों के साथ विशिष्टजनों का आगमन शुरू हुआ। देखते ही देखते मोती महल प्रांगण श्वेत वस्त्र और केसरिया साफे वाले लोगों से भर गया। ढोल नगाड़ों की धुन के बीच वंशवर्धनसिंह मोती महल गार्डन में आए। इसके बाद रंगनाथजी मंदिर से स्वर्गीय महाराज राजा की पाग लाई गई। राजपुरोहित रमेश शर्मा, राजव्यास साक्षी गोपाल और राज आचार्य दयानंद दाधीच द्वारा करवाई जा रही।

पारम्परिक क्रियाविधि और मंत्रोच्चार के बीच भंवर जितेन्द्रसिंह ने वंशवर्धन सिंह को पाग धारण करवाई। इसके बाद राजपुरोहित रमेश शर्मा ने राजतिलक किया। इसके बाद मौजूद राजपरिवारों की ओर से दस्तूर पेश किया गया। अलवर महाराजा भंवर जितेन्द्रसिंह ने वंशवर्धन सिंह को दस्तूर झिलाया। इसके बाद वंशवर्धन सिंह के ससुराल ठिकाना धनानी के ठाकुर दीपसिंह चम्पावत की ओर से दस्तूर पेश किया। फिर कोटा राजपरिवार की ओर से भेजे गए दस्तूर को भेंट किया गया। इसके बाद वंशवर्धन सिंह के परिवार की ओर से दस्तूर दिया गया। इसके बाद पुष्पवर्षा के बीच गढ़ पैलेस की ओर रवाना हुए। वहां पर सतियों, बालाजी व दरबार के खड़ाउं को धोक लगाकर रतन दौलत में नजर दस्तूर कार्यक्रम हुुआ। यहां पर जागीरदारों ने नजर दस्तूर पेश की।

बूंदी शहर में निकला जुलूस
शाम को बूंदी शहर में जुलूस निकाला गया। इस आयोजन में बीकानेर के महाराजा रविराज सिंह, पूर्व राज्यपाल एवं बदनौर के महाराज वीपी सिंह, सिरोही के महाराजा पद्मश्री रघुवीर सिंह, अलवर के महाराज कुमार मानवेन्द्र प्रताप सिंह, अलवर के महाराज कुमार, कापरेन के महाराज बलभद्रसिंह, खिल्चिपुर रियासत के राजा प्रियवृत्त सिंह, राघौगढ़ मध्यप्रदेश के महाराज कुमार जयवर्धनसिंह, कच्छ के युवराज प्रतापसिंह, भीण्डर के रणधीरसिंह समेत बड़ी संख्या में रजवाड़ों, ठिकानेदारों ने आयोजन में शिरकत की।

खेल के मंत्री अशोक चांदना, बूंदी के विधायक अशोक डोगरा, सैनिक कल्याण बोर्ड के चेयरमैन मानवेन्द्रसिंह जसोल, पीपल्दा के विधायक रामनारायण मीणा, जिला प्रमुख चन्द्रावती कंवर, पूर्व मंत्री हरिमोहन शर्मा, महिला आयोग की पूर्व चेयरमैन ममता शर्मा, जिला कलक्टर रेणु जयपाल, पुलिस अधीक्षक जय यादव, पूर्व जिला प्रमुख राकेश बोयत समेत कई गणमान्य नागरिकों ने भी इस आयोजन में शिरकत की। हाथी पर सवार वंशवर्धनसिंह बून्दीवासियों के अभिवादन स्वीकारते हुए चल रहे थे। शहरवासियों ने शोभायात्रा का पुष्प वर्षा कर स्वागत सत्कार किया। शोभायात्रा निर्धारित मार्ग से होती हुई लाइन पुलिस स्थित केसरी दौलत में पहुंच सम्पन्न हुई। यहां भी दस्तूर किए गए। मार्ग में करीब 100 से अधिक स्वागत द्वार लगाए हुए थे। जहां से शहर की सामाजिक संस्थाओं के सदस्य, क्लबों एवं आमजन ने पुष्प बरसाए।

इस आयोजन में जालोर से आए प्रसिद्ध गेर नर्तकों ने समां बांधा। ढोल,ताशों के बीच मारवाड़ी वेशभूषा में लकड़ियों की थाप और घुंघुरू की छनक के बीच माहौल में अनूठा सांस्कृतिक रंग घुल गया। आयोजन के दौरान हर कहीं श्वेत वस्त्रधारी, केसरिया साफा पहने लोग नजर आए। तोप के धमाकों के बीच जयकारों ने भी माहौल को अनूठा रंग प्रदान किया। बूंदी के लोगों ने जगह, जगह वंशवर्धनसिंह का स्वागत किया।

जन्मदिन पर वज्रनाभ बने महाराजकुमार
वंशवर्धनसिंह के दो वर्षीय पुत्र वज्रनाभसिंह का 2 अप्रैल को जन्मदिन आता है। उनका जन्म 2 अप्रैल 2020 को हुआ था। अपने जन्मदिन के दिन ही उनके पिता वंशवर्धनसिंह बूंदी के महाराज राजा और माता मयूराक्षी के महारानी की पदवी धारण करते ही वज्रनाभ अब बूंदी के महाराज कुमार के तौर पर पहचाने जाएंगे।

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