संदेश न्यूज। बारां. अग्रवाल समाज की ओर से संरक्षक विष्णु गर्ग व अध्यक्ष सुरेंद्र गुप्ता ने नगर परिषद के पूर्व सभापति कमल राठौर पर पद पर रहते हुए पद का दुरुपयोग कर अपनी मां के नाम फर्जीवाड़े से करोड़ों की जमीन का पट्टा जारी कर रजिस्ट्री करवाने का आरोप लगाया है। विष्णु गर्ग व सुरेंद्र गुप्ता की अगुवाई में रविवार को अस्पताल रोड स्थित अग्रवाल धर्मशाला में एक पत्रकार वार्ता आयोजित की गई।
पत्रकार वार्ता में विष्णु गर्ग ने बताया कि अग्रवाल समाज को अस्पताल रोड पर धर्मशाला निर्माण के लिए तत्कालीन नगर पालिका द्वारा दूरभाष केन्द्र अस्पताल रोड के पास आवासीय भूखण्ड संख्या 1 से 5 तथा 14 से 22 का सम्पूर्ण भाग जिसका क्षेत्रफल 17037.05 वर्ग फीट है, उसको 8 लाख 50 हजार रूपए में आवंटित की थी। उक्त भूमि एवं इसमें जाने के रास्ते का ब्लू प्रिन्ट नक्शा जारी किया गया था। जिसके अनुसार अस्पताल रोड पर स्थित मकानों के पीछे से 40 फीट का रास्ता उक्त भूखण्ड पर जाने के लिए था, जो भोलेनाथ के मंदिर के पास से अस्पताल रोड पर निकलता था। इस भूखण्ड पर अग्रवाल समाज द्वारा धर्मशाला का निर्माण विगत 3 वर्ष पूर्व करवाया जा चुका है और वर्तमान में समाज की धर्मशाला संचालित हो रही है।
गर्ग व गुप्ता ने आरोप लगाया कि नगर परिषद बारां में पूर्व सभापति कमल राठौर ने अपनी मां गीतादेवी के नाम अस्पताल रोड पर स्थित पुरूषोत्तम, नरेन्द्र, ओमप्रकाश दीनदयाल, बृजमोहन पुत्रगण कन्हैयालाल राठौर तेलियान से उनके भूखण्ड जिनकी लम्बाई 30 फुट थी, खरीद किए थे। अग्रवाल समाज के प्रवक्ता पीयूष गर्ग ने बताया कि सभापति राठौर ने अपने पद का नाजायज फायदा उठाते हुए उक्त खरीदशुदा भूखण्डों के साथ छल-कपट एवं पद का दुरूपयोग करते हुए गलत तथ्य पेश कर अग्रवाल समाज की धर्मशाला के 40 फुट रास्ते का भी पट्टा अपनी मां के नाम से जारी करवा कर उसकी रजिस्ट्री भी करवा ली।
रजिस्ट्री में मां की जगह कमल राठौर के हस्ताक्षर हो रहे हैं। उक्त 40 फुट रास्ते के बाद स्थित नगर परिषद की भूमि की भी बिना कोई शुल्क चुकाए रजिस्ट्री अपनी मां गीतादेवी के नाम करवा ली गई। समाज के संरक्षक गर्ग ने कहा कि पूर्व सभापति राठौर ने आम रास्ते और नाले तक पर भी अतिक्रमण कर लिया है। नाले की सफाई के लिए बीएसएनएल, अग्रवाल धर्मशाला आदि ने पीछे नाले की सफाई के लिए 20 फीट जगह छोड़ रखी है, लेकिन पूर्व सभापति ने इस जगह की भी रजिस्ट्री करवा ली है।
गर्ग ने कहा कि एमपावर कमेटी 2017 के तहत डीएलसी रेट या डीएलसी से आधा एवं नजूल दर से भू पटटी देने का अधिकार है, लेकिन यह भू-पट्टी नहीं है। इसका नगर परिषद मेंं सवा करोड़ रुपए जमा होता है। जबकि नगर परिषद में 4 लाख 25 हजार रुपए जमा करवाए गए हैं, इसमें भी भ्रष्टाचार से नहीं नकारा जा सकता।
मेरे खिलाफ राजनीतिक साजिश व बदनाम करने का षड्यंत्र: राठौर
नगर परिषद के पूर्व सभापति कमल राठौर ने सुरेंद्र गुप्ता व विष्णु गर्ग द्वारा लगाए गए आरोपों को निराधर बताया है। आरोपों का खंडन करते हुए कमल राठौर ने कहा कि यह राजनीतिक साजिश व व्यक्तिगत दुर्भावना के तहत किया जा रहा है। राठौर ने कहा कि लंबे समय से मेरे खिलाफ राजनीतिक साजिश के भ्रामक प्रचार व मुझे परेशान करने की कोशिश की जा रही है, झूठ को सच बनाकर पेश किया जा रहा है।
मुझे परेशान करने के लिए साजिशन कुछ व्यक्तियों ने अग्रवाल समाज को मोहरा बनाया है, जबकि मैने सदैव अग्रवाल समेत सभी समाजों के हितों में समर्पित भाव से काम किए हैं। पूर्व सभापति राठौर ने बताया कि अग्रवाल समाज द्वारा आरोप लगाया कि धर्मशाला के पास की भूमि पद का दुरुपयोग करते हुए खरीद ली व राजिस्ट्री करा ली, जिसमे संलग्न दस्तावेजों के अनुसार उक्त जमीन कमल राठौर व उनके परिवारजन द्वारा 2012, 2013, 2014 ,2015 में सम्प्पति मालिकों से कीमतन खरीद कर रजिस्ट्री कराई हुई है।
हम सम्पति के स्वाभाविक क्रेता है। ये कहना झूठ और गलत है कि पीछे की जमीन बिना कोई शुल्क जमा कराए हमारे द्वारा खरीद की हो, सम्पूर्ण भूमि कमल राठौर द्वारा सभापति बनने से पूर्व की खरीदी हुई है। संलग्न ट्रेस रेवेन्यू रिकॉर्ड व मास्टर प्लान में उक्त सम्पूर्ण भूमि में अलग से कभी भी रास्ता दर्ज नहीं है। सारी भूमि आबादी भूमि दर्ज है,अत: ये कहना भी असत्य है कि रास्ते मे दर्ज भूमि की रजिस्ट्री कराई गई है। रेवेन्यू रिकॉर्ड के अनुसार सम्बंधित सम्पत्ति के पीछे वन विभाग नाले की भूमि भी नहीं है। इस प्रकार से हमारे ऊपर लगाए सभी आरोप झूठे अनर्गल मिथ्या भ्रामक हैं।