kota. 2008 के पहले के लाइसेंसधारी ध्यान दें, ड्राइविंग लाइसेंस रिन्यू नहीं हो रहे ,लगाने पड़ेंगे चक्कर

 कोटा. शहर के पुराने वाहन चालक इन दिनों परेशानी में चल रहे हैं। कई के ड्राइविंग लाइसेंस एक्सपायर हो गए हैं तो कुछ के होने वाले हैं। परेशानी यह है कि ये लाइसेंस रिन्यू नहीं हो रहे। आवेदन कर रहे हैं लेकिन डाटा आॅनलाइन नहीं होने के कारण प्रोसेस आगे नहीं बढ़ रही। परिवहन विभाग में पुराने ड्राइविंग लाइसेंस की बैकलॉग एंट्री नहीं है। कई चालकों ने तो परेशान होकर नए लाइसेंस के लिए ही एप्लाई कर दिया है। लोग परिवहन विभाग के चक्कर लगाने के बाद भी लाइसेंस की वैधता को बढ़वा नहीं पा रहे। यह पूरा मामला अधिकारियों की जानकारी में है, लेकिन कोई समाधान नहीं करवाया जा रहा। ऐसे में कई वाहन चालक सड़कों पर डरते हुए वाहन चला रहे हैं। प्रोसेस के तहत पुराने लाइसेंस को अपलोड करना पड़ता है, इसमें परिवहन विभाग के कर्मचारी ढिलाई बरत रहे हैं।

क्या होता है प्रोसेस ?

पुराने लाइसेंस धारक का डाटा आॅनलाइन नहीं है। अभी जो लाइसेंस बन रहे हैं। वो स्मार्ट कार्ड हैं जिनका डाटा वाहन पोर्टल पर है, लेकिन जिनके लाइसेंस 2008 से पहले वाले हैं। उनका डाटा वाहन के पोर्टल पर नहीं है। उनके डाटा को वाहन पोर्टल पर लाने के लिए संबंधित बाबू द्वारा उस वाहन चालक के लाइसेंस डाटा को आॅनलाइन किया जाता है। इसके बाद डाटा लाइन दिखने लग जाता है,लेकिन बाबू द्वारा इसको आॅन लाइन नहीं किया जा रहा है। इससे पुराने वाहन चालकों के लाइसेंस की वैधता नहीं बढ़ पा रही है।

नया बनाओ तो 2 हजार की चपत
परिवहन विभाग में पुराने लाइसेंस का डाटा आॅनलाइन नहीं होने के कारण अब कुछ चालकों द्वारा नया लाइसेंस बनाना शुरू कर दिया गया है। ऐसे में जो काम 400 रुपए में हो रहा था। उसके अब वाहन चालकों को 1600 रुपए देने पड़ रहे हैं। इसके साथ ही वाहन चालकों को नए लाइसेंस के लिए करीब एक माह का समय भी अधिक लग रहा है।

एक हजार से अधिक वाहन चालक परेशान
परिवहन विभाग में काम करने वाले एक कर्मचारी ने बताया कि कार्यालय में प्रतिदिन 20 से 30 लोग ऐसे आते हैं। जिनके लाइसेंस को 2008 के पहले बनवाया गया था। ऐसे में अब उन सब लाइसेंस धारकों के लाइसेंस की वैधता को बढ़ाने के लिए आवेदन आ रहे हैं, लेकिन डाटा आॅनलाइन नहीं होने के कारण इनकी संख्या हजारों में पहुंच गई है।

परेशानी तो आ रही है…
विभाग के द्वारा पुराने लाइसेंस का डाटा आॅन लाइन किया जा रहा है। डाटा पुराना होने के कारण इसको तलाश करने में परेशानी तो आ रही है, लेकिन जैसे-जैसे आवेदन आ रहे हैं। उन सभी आॅनलाइन किया जा रहा है।
– अरविंद सिंह कार्यवाहक डीटीओ

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