जयपुर. राजस्थान सरकार के वर्ष 2022-23 के बजट में कोई नया कर नहीं लगाया तथा जबकि 1500 करोड़ रुपए की विभिन्न प्रकार की रियायतें दी। बजट में सबको आकर्षित करने वाली बात यह रही कि महंगाई की मार से पीड़ित राज्य की जनता को उन्होंने 4500 करोड़ रुपए मूल्य की बिजली अनुदान के रूप में ‘फ्री’ में देने की घोषणा की। सरकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना को बहाल कर दिया। ग्रामीण क्षेत्र की तरह शहरों में रोजगार गारंटी योजना लागू करने की घोषणा की।
सीएम ने दो घंटे 56 मिनट के अपने ऐतिहासिक और रिकॉर्ड तोड़ बजट भाषण में प्रदेश के हर वर्ग को साधने की कोशिश की। पहले से अनुमान लगाया जा रहा था कि वर्ष 2023 के आगामी विधानसभा चुनाव से पहले आखिरी पूर्णकालिक बजट में गहलोत बड़ी सौगातें दे सकते हैं, लगभग वैसा ही बजट सामने आया। पहली बार प्रदेश का कृषि बजट अलग से पेश किया गया। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को विधानसभा में 23 हजार 488 करोड़ 56 लाख रुपए के घाटे का वर्ष 2022-23 का बजट पेश करते हुए कहा कि कोरोना काल में अर्थव्यवस्था गड़बड़ाने के बावजूद बेहतर वित्तीय प्रबंधन करते हुए सरकार ने कोई कर नहीं लगाया है।
कोरोना से प्रभावित जनता की जिंदगी ऐसे आएगी पटरी पर
कोरोना के कारण राज्य की अर्थव्यवस्था प्रभावित होने के साथ ही आमजन की आजीविका पर संकट आ गया। कोरोना के कारण प्रभावित जनता की जिंदगी पटरी पर लाने के लिए मुख्यमंत्री ने विशेष प्रावधान किए हैं।
50 यूनिट बिजली मिलेगी मुफ्त, ‘हल्के’ होंगे बिजली के बिल
मुख्यमंत्री ने राज्य के समस्त 118 लाख घरेलू बिजली उपभोक्ताओं के भारी भरकम बिजली बिलों को हल्का करने का महत्वपूर्ण फैसला किया है। उन्होंने बजट में कहा कि 100 यूनिट तक प्रतिमाह उपभोग करने वालों को 50 यूनिट तक बिजली मुफ्त मिलेगी। इस 150 यूनिट तक 3 रुपए प्रति यूनिट का अनुदान तथा 150 से 300 यूनिट तक के उपभोग पर 2 रुपए प्रति यूनिट अनुदान उपभोक्ताओं को देय होगा। इससे सरकार पर लगभग 4 हजार 500 करोड़ रुपए का भार आएगा।
शहरी क्षेत्र में मिलेगा सौ दिन का रोजगार
मुख्यमंत्री ने इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना लागू करने की घोषणा की। इसके जरिए शहरी क्षेत्र में निवास करने वाले व्यक्तियों को उनकी ओर से मांगे जाने पर एक साल में सौ दिन का रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। इस .योजना पर सालभर में 800 करोड़ रुपए खर्च होंगे। ग्रामीण क्षेत्र में महात्मा गांधी नरेगा योजना में सौ दिन की जगह 125 दिन का रोजगार, उपलब्ध कराया जाएगा। इस पर करीब 750 करोड़ रुपए व्यय होंगे।
स्कूली विद्यार्थियों के लिए 3 माह का ब्रिज कोर्स
कोरोना काल में विद्यार्थियों की पढ़ाई का बहुत नुकसान हु्आ। इसकी भरपाई के लिए स्कूली विद्यार्थियों के लिए तीन माह के ब्रिज कोर्स चलाए जाएंगे। इन पर 75 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
इनका 20 प्रतिशत बढ़ेगा मानदेय
मुख्यमंत्री ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, आशा सहयोगिनी, प्रेरक, मिड-डे मील कुक कम हेल्पर, लांगरी, ग्राम रोजगार सहायक, शिक्षाकर्मी, पैरा टीचर्स, इत्यादि का मानदेय एक अप्रैल से 20 प्रतिशत बढ़ाने की घोषणा की है। इसी तरह नगरीय निकाय व पंचायती राज संस्थाओं के जनप्रतिनिधियों के मानदेय व भत्तों में बीस प्रतिशत की वृद्धि की गई है।
सुशासन में यह प्रावधान
मुख्यमंत्री डिजिटल सेवा योजना होगा प्रारंभ। एक करोड़ 33 लाख चिरंजीवी परिवारों की महिला मुखियाओं को तीन वर्ष की इंटरनेट कनेक्टिविटी के साथ दिए जाएंगे स्मार्ट फोन। ढाई हजार करोड़ रुपए होंगे खर्च रोडवेज, आरटीडीसी आदि के कार्मिकों को सातवें वेतनमान का लाभ 1 जनवरी, 2004 और इसके बाद नियुक्त कार्मिकों के लिए पूर्व पेंशन योजना लागू।
आय-व्यय ऐसे होगा
– 22 लाख 14 हजार 977 करोड़ 23 लाख की राजस्व प्राप्तियां
– 22 लाख 38 हजार 465 करोड़ 79 लाख का राजस्व व्यय
– राजस्व घाटा-23 हजार 488 करोड़ 56 लाख
– राजकोषीय घाटा 58 हजार 217 करोड़ 55 लाख जीडीपी का 4.36 प्रतिशत है।
सड़क सुरक्षा
– दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए रोड सेफ्टी एक्ट लाया जाएगा। राजस्थान पब्लिक ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी का गठन होगा। जयपुर में होगी स्टेट रोड सेफ्टी इंस्टीट्यूट की स्थापना।
युवा -रोजगार
– दिल्ली स्थित उदयपुर हाउस में 300 करोड़ रुपए की लागत से नेहरू युवा ट्रांजिट हॉस्टल
– जयपुर, जोधपुर व कोटा में 200-200 करोड़ रुपए की लागत से से राजीव गांधी नॉलेज सर्विस व इनोवेशन हब
– महिलाओं के लिए मुख्यमंत्री वर्क फ्रॉम होम- जॉब वर्क योजना। इसमें सौ करोड़ रुपए खर्च होंगे।
– बीकानेर, भरतपुर एवं कोटा में विज्ञान केन्द्र
– एसओजी में परीक्षाओं के लिए ‘एंटी चीटिंग सेल’ का गठन
– विभिन्न विभागों में लगभग एक लाख अतिरिक्त पदों पर भर्तियां
शिक्षा – खेल
– राज्य के सभी 3 हजार 820 सैकंडरी विद्यालय-सीनियर सैकंडरी विद्यालयों में होंगे क्रमोन्नत
– शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में एक-एक हजार महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल और होंगे शुरू।
– इंग्लिश मीडियम शिक्षकों का अलग कैडर बनेगा। लगभग 10 हजार अंग्रेजी माध्यम के शिक्षक होंगे भर्ती
– रेगिस्तानी जिलों में 200 प्राथमिक विद्यालय
– प्रदेश के 19 जिलों में 36 कन्या महाविद्यालय
– प्रत्येक जिले में 50-50 लाख रुपए की लागत से सावित्री बाई फूले वाचनालय
– जयपुर व जोधपुर में आवासीय पैरा खेल अकादमी
– जोधपुर में बनेगा सेंटर ऑफ एक्सीलेंस व राजस्थान स्टेट स्पोर्ट्स इंस्टीट्यूट
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं
– चिरंजीवी योजना का विस्तार किया। अब प्रति परिवार 5 लाख रुपए की जगह मिलेगा 10 लाख रुपये का सालाना चिकित्सा बीमा।
– चिरंजीवी योजना में कोक्लियर इम्प्लांट, बोन मेरो ट्रांसप्लांट, ऑर्गन ट्रांसप्लांट, ब्लड ट्रांसफ्यूजन, बोन कैंसर का भी निशुल्क इलाज होगा।
– सभी श्रेणी के राजकीय चिकित्सा संस्थानों में उपलब्ध इनडोर व आउटडोर सुविधाएं समस्त प्रदेशवासियों के लिए पूर्णत: नि:शुल्क रहेंगी।
– मुख्यमंत्री चिरंजीवी दुर्घटना बीमा योजना लागू। बीमित परिवार को 5 लाख रुपए तक का नि:शुल्क दुर्घटना बीमा कवर
– 1224 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से 15 चिकित्सालयों का निर्माण
– 18 जिलों में खुलेंगे नर्सिंग महाविद्यालय
– जयपुर, जोधपुर, अजमेर एवं कोटा में नए मेडिकल संस्थान होंगे स्थापित
– एक हजार नए उप स्वास्थ्य केन्द्र खुलेंगे
– 50 उप स्वास्थ्य केन्द्र को क्रमोन्नत करते हुए 100 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र स्थापित किए जाएंगे।
– उप जिला चिकित्सालयों तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर डायलिसिस एवं दंत चिकित्सा की सुविधा
– 6 उप जिला चिकित्सालय जिला चिकित्सालयों में होंगे क्रमोन्नत
– खाद्य सुरक्षा निदेशालय के अधीन 200 नए खाद्य सुरक्षा अधिकारियों के पदों का सृजन, भर्ती ।
औद्योगिक विकास
– राज्य में 32 औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना
– सलारपुर औद्योगिक क्षेत्र-ग्रेटर भिवाड़ी तथा मोरानाड़ा-जोधपुर में 250-250 करोड़ रुपए की लागत के तकनीक पर आधारित मल्टी स्टोरी इंडस्ट्रियल कॉम्पलेक्स की स्थापना।
– पचपदरा-बाड़मेर में पेट्रोलियम, केमिकल एवं पेट्रोकेमिकल्स इन्वेस्टमेंट रीजन की स्थापना
– औद्योगिक इकाइयों हेतु राजस्थान औद्योगिक सुरक्षा बल (आरआईएसएफ) का गठन। 2 हजार सुरक्षाकर्मियों की होगी भर्ती।
सामाजिक सुरक्षा
– एससी व एसटी विकास कोष की राशि बढ़ाकर 500-500 करोड़ रुपए की।
– सामान्य श्रेणी के ईडब्ल्यूएस परिवारों के लिए 100 करोड़ रुपए का कोष
– इंदिरा रसोई की संख्या होगी 1 हजार। 250 करोड़ रुपए के वार्षिक व्यय का प्रस्ताव।
– मुख्यमंत्री दिव्यांग स्कूटी योजना के अंतर्गत 5 हजार तथा काली बाई भील एवं देवनारायण योजना में 20 हजार स्कूटी का होगा वितरण
– जामडोली-जयपुर में बाबा आम्टे दिव्यांग विश्वविद्यालय
– बेघर, वृद्धजन, कामकाजी महिलाओं एवं असहाय/ निराश्रित व्यक्तियों के लिए मुख्यमंत्री पुनर्वास गृह योजना लागू
– इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना अब पूरे प्रदेश में लागू
– सावित्री बाई फूले बालिका छात्रावास के अंतर्गत 6 छात्रावास बनेंगे
सड़क एवं सुनियोजित विकास
– प्रत्येक जिले के 3 प्रमुख सड़क मार्गों की मरम्मत व उन्नयन के लिए 3133 करोड़ का प्रावधान
– सड़क संबंधी कार्य के लिए प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के लिए 10 करोड़ रुपए का प्रावधान।
– प्रत्येक नगर निगम की 40 किलोमीटर, नगर परिषद की 25 किलोमीटर व नगर पालिका की 15 किलोमीटर मुख्य सड़कों के मेजर रिपेयर कार्य पर 1200 करोड़ रुपए का व्यय होगा। यह कार्य पीडब्ल्यूडी के माध्यम से होगा।
– एक हजार किलोमीटर लम्बाई के राजमार्गों को 2 लेन करने के लिए 1200 करोड़ रुपए का व्यय होगा।
– जोधपुर, बीकानेर, भरतपुर अलवर, भीलवाड़ा एवं चित्तौड़गढ़ के समग्र विकास के लिए राजस्थान स्मार्ट सिटी योजना की घोषणा। एक हजार 500 करोड़ रुपए का प्रावधान
– जयपुर मेट्रो का होगा विस्तार
– प्रदेश के दुर्गम, दूरस्थ एवं पिछड़े क्षेत्रों में आधारभूत संरचना एवं ग्रामीण विकास के लिए मुख्यमंत्री क्षेत्रीय ग्रामीण विकास योजना
– उदयपुर एवं कोटा में विकास प्राधिकरण का गठन।
पहला कृषि बजट: खेत-किसान के लिए 11 मिशन होंगे संचालित
– मुख्यमंत्री कृषक साथी योजना की राशि 2 हजार करोड़ रुपए से बढ़ाकर की 5 हजार करोड़ रुपए
– कृषि की योजनाएं सरकार मिशन मोड में संचालित करेगी। इसके लिए 11 मिशन संचालित होंगे।
– राजस्थान सूक्ष्म सिंचाई मिशन: 5 लाख से अधिक किसान लाभान्वित होंगे। 2 हजार 700 करोड़ रुपए का प्रावधान। माइक्रो इरिगेशन के लिए सेंटर ऑफएक्सीलेंस।
– राजस्थान जैविक खेती मिशन: 3 वर्षों में लगभग 4लाख किसानों को लाभ। 600 करोड़ रुपए का प्रावधान। आॅर्गेनिक कमोडिटी बोर्ड का गठन होगा।
– राजस्थान बीज उत्पादन एवं वितरण मिशन: बीज स्वावलम्बन योजना के आकार को दोगुना करेंगे। 12 लाख लघु/सीमांत कृषकों को प्रमुख फसलों नि:शुल्क बीज के मिनीकिट मिलेंगे।
– राजस्थान मिलेट्स प्रोत्साहन मिशन: लगभग 100 करोड़ का बजट। 15 लाख किसान होंगे लाभान्वित। प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना हेतु 40 करोड़ रुपये का अनुदान।
– राजस्थान संरक्षित खेती मिशन : 25 हजार किसानों को ग्रीन हाउस/शेडनेट हाउस/लो टनल की स्थापना के लिए लगभग 400 करोड़ रुपए का अनुदान
– राजस्थान उद्यानिकी विकास मिशन: 15 हजार किसानों को लाभ। 100 करोड़ होंगे खर्च।
– राजस्थान फसल सुरक्षा मिशन: एक करोड़ 25 लाख मीटर तारबंदी पर 100 करोड़ रुपए का अनुदान, 35 हजार से अधिक किसान लाभान्वित।
– राजस्थान भूमि उर्वरकता मिशन: लगभग 2 लाख 25 हजार किसान लाभान्वित
– राजस्थान कृषि श्रमिक संबल मिशन: 2 लाख श्रमिकों को हस्तचालित कृषि यंत्र खरीदने के लिए 5 हजार रुपए प्रति परिवार की दर से अनुदान
– राजस्थान कृषि तकनीक मिशन: कृषि यंत्रीकरण को बढ़ावा, कृषक उत्पादन संगठन तथा कस्टम हायरिंग केन्द्रों को एक हजार ड्रोन।
– राजस्थान खाद्य प्रसंस्करण मिशन : प्रसंस्करण इकाइयों के लिए अनुदान। कृषि के लिए सेंटर आॅफ एक्सीलेंस की स्थापना
– एक लाख किसानों को सोलर पंप स्थापित करने के लिए 60 प्रतिशत अनुदान, 500 करोड़ रुपये का व्यय। एससी-एसटी वर्ग के कृषकों को 45 हजार रुपए तक का अतिरिक्त अनुदान
– दो वर्षों में बकाया लगभग 3 लाख 38 हजार विद्युत कनेक्शन जारी किए जाएंगे। लगभग 6 हजार 700 करोड़ रुपए की राशि व्यय
कृषि ऋण
– ब्याज मुक्त फसली ऋण वितरण योजना के अंतर्गत 20 हजार करोड़ रुपए राशि के ऋण वितरण का टारगेट। 5 लाख नए किसान होंगे शामिल। 650 करोड़ रुपए ब्याज अनुदान।
– अकृषि क्षेत्र में भी एक लाख परिवारों को 2 हजार करोड़ रुपए के ब्याज मुक्त ऋण सिंचाई विकास
– सिंचाई रिस्ट्रक्चरिंग कार्यक्रम में 3 साल में लगभग 14 हजार 860 करोड़ रुपए की लागत से विभिन्न कार्य।
– पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना के अंतर्गत एक हजार 600 करोड़ रुपए के विभिन्न कार्य। पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना निगम का का गठन
– 1220 करोड़ रुपए की लागत से 11 मिनी फूड पार्क।
– कोटा व जोधपुर में फाइटो सेनेटरी लैब की स्थापना
संस्थागत विकास एवं सुदृढीकरण :
– 2 साल में 4 हजार 10 ग्राम पंचायत मुख्यालयों पर जीएसएस स्थापित
– 15 नए कृषि महाविद्यालय खोले जाएंगे।
डेयरी एवं पशुपालन
– 12 हजार 500 नवीन दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों का पंजीकरण
– मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक सम्वल योजना में 5 रुपये प्रति लीटर अनुदान
– 51 नए मिल्क रूट प्रस्तावित
– 12 पशु चिकित्सालयों को प्रथम श्रेणी चिकित्सालयों में क्रमोन्नत
– 6 लाख पशुपालकों को पशु बीमा का लाभ, 150 करोड़ रुपये का व्यय।