- अन्ना ने केजरीवाल को याद दिलाया ‘सत्ता का नशा’
मुंबई. सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने मंगलवार को कभी उनके सहयोगी रहे और अब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक तीखा पत्र लिखकर उन्हें शहर की आबकारी नीति विवाद पर ‘सत्ता के नशे में’ नहीं रहने की चेतावनी दी है। हजारे ने अपने पत्र में कहा कि शराब की तरह सत्ता भी नशा करती है और भ्रष्ट करती है।
उन्होंने केजरीवाल को लिखे अपने पहले पत्र में कहा जब से उनका जन आंदोलन समाप्त हुआ। इसके बाद में राजनीतिक कदम उठाकर कई और उपयोग किए गए। उन्होंने भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद जुलाई में वापस ली गई शराब लाइसेंस नीति पर तीखी लाइनें लिखी। उन्होंने कहा कि पहली बार आपको मुख्यमंत्री बनने के बाद पत्र लिख रहा हंू क्योंकि हाल में आपकी सरकार की शराब नीति के बारे में पढ़ी खबरों से मुझे बहुत दुख हुआ।
आपने शराब नीति पर स्वराज नाम की लिखी इस किताब में कितनी आदर्श बातें लिखी थी, तब आपसे बड़ी उम्मीद थी। लेकिन मुख्यमंत्री बनने के बाद आप आदर्श विचारधारा को भूल गए हैं। हजारे ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि हर कोई ‘सत्ता के लिए पैसे के चक्र में और पैसे के लिए सत्ता के चक्र में फंस गया है।’ उन्होंने कहा आपके, मनीष सिसोदिया और अन्य लोगों द्वारा बनाई गई आम आदमी पार्टी को यह शोभा नहीं देता जो एक जन आंदोलन से उभरी है।
केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भ्रष्टाचार की प्राथमिकी में नामित 15 आरोपियों में शामिल हैं। अन्ना ने कहा कि आपकी सरकार ने दिल्ली में नई शराब नीति क्यों बनाई। ऐसा लगता है कि इससे शराब की बिक्री के साथ-साथ शराब के सेवन को भी गति मिलेगी। हर गली में शराब की दुकानें खोली जा सकेंगी। इससे भ्रष्टाचार में वृद्धि हो सकती है और यह लोगों के हित में नहीं है। हजारे का यह पत्र आप और भाजपा के बीच चल रहे राजनीतिक घमासान के बीच आया है।