कोटा. चम्बल की छोटी पुलिया पर रविवार अल सुबह चंबल नदी में गिरी कार की घटना की जानकारी अगर समय रहते पता लग जाता तो शायद कई जाने बचाई जा सकती थी। हादसा अल सुबह सवा पांच बजे करीब हुआ। चौथ का बरवाडा निवासी अविनाश की बारात में एक कार और बस शामिल थी। बस में रिश्तेदार और परिवार के लोग सवार थे और कार में अविनाश के साथ उसके दोस्त और रिश्तेदार मिलाकर नौ लोग बैठे थे। सुबह करीब साढे पांच बजे उनकी कार नयापुरा में चंबल की छोटी पुलिया पर पहुंची।
जहां वह पुलिया से नीचे चंबल में जा गिरी। कार जिस जगह गिरी वह गहरी थी, ऐसे में कार ज्यादातर पानी में डूब गई। घटना का पता किसी को भी नही लगा। बाद में करीब 6 बजे जब एक युवक चंबल में मछलियों को आटा डालने आया तो उसे कार का ऊपरी हिस्सा नजर आया। उसके आशंका हुई और उसने पुलिस को सूचना दी। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और गोताखोरों को मौके पर बुलाया। गोताखोरों ने जब रेस्क्यू शुरू किया तो चंबल लाशे उगलने लगी। एक के बाद एक नौ लाशे निकाली गई। गोताखोर विष्णुश्रृंगी के अनुसार कार में सात लोग फंसे थे जिन्हे बाहर निकाला। इसके बाद दो शव अलग से निकाले गए।
बडी पुलिया पर एक तरफा ट्रेफिक, पुलिया पर नही थी दीवार
दरअसल, नयापुरा पर चंबल नदी पर आने जाने के लिए बडी पुलिया के अलावा एक छोटी पुलिया रियासतकालीन पुलिया भी है। कुन्हाड़ी और नयापुरा के लोग इसी पुलिया का इस्तेमाल ज्यादा करते है। खासकर दोपहिया वाहन चालक इस पुलिया से निकलते है। लेकिन इस छोटी पुलिया पर दोनों और दीवारे नही है। ऐसे में हादसे का खतरा हमेशा ही बना रहता है।
उस पर बड़ी पुलिया पर भी एक ही तरफा यातायात चालू है। हादसा कैसे हुआ इसकी पुष्टि नही हुई। लेकिन पुलिस इसके पीछे दो कारण मान रही है। एक तो तेज रफ्तार रही हो और अनियंत्रित हो गई और दूसरा कार चालक को झपकी आने के चलते हादसा हो गया है। बड़ी बात यह है कि इस पुलिया पर किसी तरह की रोशनी की भी व्यवस्था नही है।
भवानीसिंह राजावत ने धारीवाल पर बोला हमला
बीजेपी नेता और पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत भी हादसे की जानकारी मिलने पर पोस्टमार्टम रूम पहुंचे। उन्होंने मंत्री शांति धारीवाल पर निशाना साधते हुए कहा कि शहर में जिस तरह से विकास कामों के नाम पर शहर की सड़को को खोदा हुआ है। इस वजह से आए दिन हादसे होते है। कामों की वजह से यातायात को डायवर्ट किया हुआ है। उन्होंने कहा कि प्लानिंग से शहर में विकास काम होने चाहिए। ये विकास के नही मौत के काम हो रहे है। उन्होंने मृतकों के परिजनों को बीस बीस लाख के मुआवजे की मांग की है।