7 घंटे में बुझी कैमिकल फैक्ट्री की आग, 25 दमकलों ने किए सौ से ज्यादा राउंड

कोटा. कोटा के इंद्रप्रस्थ औद्योगिक क्षेत्र में कैमिकल फैक्ट्री में लगी भीषण आग को बुझाने में दमकलकर्मियों को सात घंटे से भी ज्यादा का वक्त लगा। हालांकि प्रशासन ने एहतियात के तौर पर करीब एक किलोमीटर के दायरे में मौजूद दूसरी फैक्ट्रियों और हॉस्टल्स को खाली करा लिया था। आग इतनी भीषण थी कि प्रशासन ने नगर निगम के अलावा सभी उद्योगों के साथ सेना की दमकल को भी मौके पर तैनात कर दिया। 25 दमकलों ने सौ से भी ज्यादा राउंड कर आग पर पानी की बौछार की, तब जाकर आग शांत हुई। फैक्ट्री से आग की लपटों के साथ धुएं का गुबार इतना ऊंचा उठ रहा था कि उसे देखकर दूर-दराज के तक के लोग दहशत में रहे।

कोटा नगर निगम कोटा दक्षिण के सहायक अग्निशमन अधिकारी देवेन्द्र गौतम ने बताया कि आग की सूचना मिलते ही वह मुख्य अग्निशमन अधिकारी दीपक राजोरा के साथ मौके पर पहुंचे, पहले दो दमकलें मंगवाई थी, लेकिन भीषण आग को देखकर दोनों नगर निगम की सभी 14 दमकलें मौके पर मंगवा ली गई। लेकिन काफी देर तक फैक्ट्री के चारों और दमकलें खड़ी रही, क्योंकि वहां ऊपर की तरफ मौजूद विद्युत लाइन चालू थी और पानी की बौछार करने पर करंट का खतरा था। बिजली सप्लाई बंद नहीं होने की वजह से आग बुझाने का कार्य करीब 1 घंटे के बाद शुरू हो सका।

नगर निगम की दमकलों के अलावा भारतीय सेना कैंप से दो दमकलें, कोटा थर्मल से एक, सीएफसीएल से दो, डीसीएम, एनटीपीसी अंता व आरएपीपी रावतभाटा व मंगलम कारखाने से एक-एक दमकल मौके पर लगातार आग को बुझाने में लगी रही। एएफओ गौतम ने बताया कि आग बुझाने के लिए 6 हजार लीटर फोम का प्रयोग किया गया। इसमें ताथेड़ डिपो और डीसीएम फैक्ट्री का सहयोग रहा। राहत व बचाव के लिए एसडीआरएफ की टीम भी मौके पर पहुंच गई थी। हालांकि इस बड़ी अग्निदुर्घटना में किसी के हताहत होने की जानकारी नहीं हैं। सुबह करीब 7 बजे लगी आग पर दिन में 2 बजे काबू पा लिया गया था। इस दौरान मौके पर जिला कलेक्टर, एसपी समेत प्रशासन के कई अधिकारी मौजूद रहे।

वहीं, नगर निगम कोटा दक्षिण के महापौर राजीव अग्रवाल, उपमहापौर कोटा उत्तर सोनू कुरैशी, उत्तर आयुक्त वासुदेव मालावत, दक्षिण आयुक्त कीर्ति राठौड़, अति. आयुक्त अम्बालाल मीणा सहित निगम के एक्सईएन-एईएन मौके पर तैनात रहे। इस पूरे मामले की जानकारी नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन मंत्री ने भी अधिकारियों से ली। उन्होंने हादसे की जांच के भी निर्देश दिए हैं।

50 से 100 करोड़ तक के नुकसान की आशंका
इंद्रप्रस्थ औद्योगिक क्षेत्र के रोड नंबर 3 पर स्थित केमिकल फैक्ट्री में करीब 300 कर्मचारी अलग अलग शिफ्टों में काम करते हैं। आग के समय वहां 50 कर्मचारी मौजूद थे। जो तत्काल ही बाहर आ गए। फैक्ट्री में कैल्शियम की गोलियां बनाने का पाउडर बनता है। जिसे पेट्रो केमिकल कम्पनियों को सप्लाई किया जाता है। साथ ही वायरिंग का प्लास्टिक का आउटर भी इस फैक्ट्री में बनाया जाता है। घटना के समय पैंकिंग से संबंधित पॉलीथिन की सामग्री भारी मात्रा में रखी थी। जिसमें भी आग लग गई।

ज्यादातर सामग्री ज्वलनशील होने से आग बढ़ती ही गई और उसे बुझाने में दमकलकर्मियों को भारी मशक्कत करनी पड़ी। आग की लपटों के कारण आस-पास का तापमान झुलसा देने वाला हो गया था और दमकलकर्मी काफी देर फैक्ट्री के अंदर तक नहीं पहुंच पाए और दूर से ही पानी की बौछार करते रहे। लगातार दमकलें चक्कर लगाते हुए पानी लाती रही और आग पर बौछार करती रही। अग्निशमन संबंधी अन्य उपकरणों का भी इस्तेमाल किया गया। आग बुझी तो वहां केवल राख का ढेर और आग से क्षतिग्रस्त मशीनरी नजर आई। फैक्ट्री की दीवारें भी गिर गई थी। पुलिस ने आस-पास के पूरे इलाके को सील कर दिया तथा नजदीक की फैक्ट्रियों और हॉस्टल को खाली करवा लिया। अग्निशमन सूत्रों के अनुसार फैक्ट्री मालिक ने 50 से 100 करोड़ रुपए तक के नुकसान की आशंका जताई है।

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