कोटा. 20 हजार रुपए रिश्वत लेने के आरोप गिरफ्तार कोटा रेल मंडल के सीनियर डीसीएम अजय कुमार पाल व दलाल महेश शर्मा को एसीबी की टीम ने शुक्रवार को न्यायालय में पेश किया, जहां से पूछताछ के लिए उन्हें तीन के रिमांड पर सौंपा गया है। वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक (सीनियर डीसीएम) अजय कुमार पाल व महेश को गुरुवार देर रात एसीबी भरतपुर की टीम ने कोटा में उनके आॅफिस में गिरफ्तार किया था।
दर्ज प्रकरण के अनुसार भरतपुर रेलवे स्टेशन के खानपान निरीक्षक हेमराज मीणा को 16 मार्च को अजय कुमार पाल ने चार्जशीट दी थी। इसी चार्जशीट के तहत आगे की कार्रवाई रोकने के लिए अजय कुमार पाल व महेश शर्मा ने 20 हजार रुपए की रिश्वत ली। कैटरिंग वेंडर का काम करने वाले महेश कुमार शर्मा ने परिवादी से संपर्क करके कहा था कि 20 हजार का खर्चा होगा और वह अजय कुमार पाल से यह काम करवा देगा।
आरोपी अजय कुमार पाल के घर और आवास पर राात को ही सर्च की कार्रवाई की गई। एडीशनल एसपी (एसीबी) ठाकुर चंद्रशील ने बताया कि सीनियर डीसीएम अजय कुमार पाल के यहां हाउस सर्च में 8 लाख रुपए कैश मिले, जो अलग अलग लिफाफों में रखे हुए थे। साथ ही 3 बैंक अकाउंट, 3 एलआईसी पॉलिसी के दस्तावेज मिले है। इसके अलावा यूपी के लखनऊ में 2 प्लॉट व 1 फ्लैट के दस्तावेज मिले। सभी दस्तावेज को जब्त किया गया है। इनकी जांच की जा रही है। अजय कुमार पाल मूल रूप उत्तर प्रदेश के संत रविदास नगर के निवासी है।
रिश्वत के आरोपी उप प्रधान नरेश नरुका को जेल भेजा
संदेश न्यूज। कोटा. न्यायालय ने 50 हजार रुपए रिश्वत लेने के आरोपी पंचायत समिति सुल्तानपुर के उप प्रधान नरेश नरूका को शुक्रवार को जेल भेज दिया है। एसीबी कोटा देहात की टीम ने गुरुवार को आरोपी को गिरफ्तार कर शुक्रवार को न्यायालय में पेश किया था। कोटा देहात इकाई की अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डॉ. प्रेरणा शेखावत ने बताया कि एसीबी की कोटा देहात इकाई को परिवादी द्वारा शिकायत दी गई।
शिकायत में बताया कि उसके पास भारत माला सड़क निर्माण प्रोजेक्ट में मिट्टी डालने का सब कॉन्ट्रेक्ट है। सुल्तानपुर पंचायत समिति के उप-प्रधान नरेश नरूका ने मिट्टी निकालने के कार्य को पद व प्रभाव से रुकवा दिया। इसके बाद यह कार्य दोबारा प्रारंभ करवाने की एवज में 5 लाख रुपए रिश्वत राशि मांगी। शिकायत मिलने पर आरोपी को 50 हजार रुपए की रिश्वत राशि लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया।