संदेश न्यूज। कोटा. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की कोटा देहात की टीम ने शुक्रवार को कोटा दक्षिण नगर निगम के एक संविदाकर्मी को मकान का पट्टा जारी करने की एवज में 9 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया। संविदा कर्मी नरेंद्र निर्भीक ने पट्टा बनाने की एवज में 12 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी, बाद में वह 9 हजार रुपए लेने को तैयार हो गया। संविदाकर्मी नगर निगम भवन की छत पर रिश्वत ले रहा था, वहीं पर एसीबी की टीम ने गिरफ्तार किया।
एसीबी की एडिशनल एसपी प्रेरणा शेखावत ने बताया कि परिवादी महिला कोटड़ी निवासी राधा गुप्ता ने शिकायत दी थी कि उसके पति की मौत हो गई है एवं कोटड़ी इलाके में उसका एक मकान है। जिसका वह पट्टा बनवाना चाहती थी। वह कई दिनों ने नगर निगम में जा रही थी, दो माह पहले ही उसने सभी दस्तावेज जमा करवा दिए थे, लेकिन निर्भीक उसे कागजी कार्यवाही पूरी करने की बात कहकर टालता रहा। बाद में उसने कहा कि वो पट्टा बनवा कर दे देगा, लेकिन इसके लिए 12 हजार रुपए देने पड़ेंगे।
महिला ने बताया कि उसके पास देने के लिए इतने रुपए नहीं है। इस पर आरोपी 12 की जगह 9 हजार रुपए की मांग करने लगा। परिवादी राधा गुप्ता ने देहात एसीबी टीम को इसकी शिकायत दी थी। एसीबी की टीम ने सत्यापन करवाया। इसमें शिकायत सही मिली। रिश्वत की रकम लेने के लिए संविदाकर्मी नरेंद्र ने महिला को नगर निगम की छत पर बुलाया। जहां से एसीबी की टीम ने उसे रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।
ई मित्र संचालक को बना रखा था संविदाकर्मी
प्रारंभिक पड़ताल में सामने आया कि आरोपी नरेंद्र विज्ञान नगर का रहने वाला है। वह ई मित्र संचालक है, जिसे नगर निगम में प्रशासन शहरों के संग अभियान में कंप्यूटर आॅपरेटर के तौर पर संविदा पर नियुक्त कर रखा था। परिवादी राधा ने बताया कि उसने पट्टे के लिए 501 रुपए की रसीद भी कटवाई थी। इसके बाद दस्तावेज तैयार करने के नाम पर एक हजार रुपए नरेंद्र ने लिए। इसके बाद भी वह उसे 12 हजार देने के लिए कहने लगा। वह उसे कभी विज्ञान नगर बुलाता तो कभी निगम। राधा ने बताया कि वह नरेंद्र की वजह से काफी परेशान हो गई थी। पहले सोचा कि किसी से रुपए उधार लेकर दे दूं। फिर उसने अपने पड़ोस में रहने वाले पत्रकार को इस बारे में बताया। पत्रकार ने उसे एसीबी के पास जाकर शिकायत करने की सलाह दी।