बर्लिन. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने यूरोपीय दौरे के पहले दिन सोमवार को जर्मनी पहुंचे। उन्होंने जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज से मिले। इसके बाद दोनों नेता प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक में शामिल हुए। इसमें भारत-जर्मनी के बीच 10.5 अरब डॉलर का ग्रीन एनर्जी को लेकर बड़ा समझौता हुआ।
पीएम मोदी ने बैठक के बाद अपनी स्पीच में यूक्रेन-रूस जंग का जिक्र किया।
प्रधानमंत्री ने कहा, यूक्रेन के संकट के आरंभ से ही हमने तुरंत युद्धविराम का आह्वान किया और इस बात पर जोर दिया था कि विवाद को सुलझाने के लिए बातचीत ही एकमात्र उपाय है। हमारा मानना है कि इस युद्ध में कोई विजयी पार्टी नहीं होगी, सभी को नुकसान होगा इसलिए हम शांति के पक्ष में हैं। यूक्रेन संघर्ष से उथल-पुथल के कारण तेल की कीमतें आसमान छू रही हैं, विश्व में खाद्यान्न और फर्टिलाइजर की भी कमी हो रही है।
इससे विश्व के हर परिवार पर बोझ पड़ा है, किंतु विकासशील और गरीब देशों पर इसका असर और गंभीर हो रहा है। बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल शामिल थे। बैठक में समग्र रणनीतिक साझीदारी के तहत प्रमुख क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग के विस्तार तथा विभिन्न क्षेत्रीय एवं वैश्विक घटनाक्रमों पर बातचीत की। जर्मनी की यात्रा के बाद मोदी डेनमार्क की यात्रा पर राजधानी कोपेनहेगन पहुंचेंगे और उसके बाद कम समय के लिए फ्रांस जाएंगे।