बूंदी. डाबी वन क्षेत्र में अवैध खनन तो जोरों पर चल ही रहा है, डाबी वन रेंज के रेंजर और वन कर्मियों की अनदेखी और लापरवाही अब वन्यजीवों की सुरक्षा पर भी भारी पड़ती नजर आ रही है। डाबी रेंज में वनकर्मियों की लापरवाही से अब शिकारी इतने सक्रिय हो गए है की वे पैंथर तक का शिकार करने के लिए क्षेत्र में फंदे लगा रहे है।
इसकी बानगी शनिवार को उस वक्त देखने को मिली जब डाबी-बरड़ क्षेत्र के डाबी वन रेंज कार्यालय के धोरेला नाका में लक्ष्मीपुरा भीलवाड़ा और बूंदी जिले के बीच के जंगल में शिकारियों ने मादा पैंथर को अपने जाल में फंसाकर उसके शिकार की कोशिश की। हालांकि गनीमत ये रही कि जंगल में लोगों की अचानक हुई आवाजाही को देखकर शिकारी पैंथर को फंदे में फंसा हुआ ही छोड़कर भाग छूटे।
बाद में कुछ लोगों ने मामले की जानकारी वन विभाग के अधिकारियों को दी तो उन्होंने कोटा से टीम बुलवाकर रेस्क्यू कर पहले पैंथर को ट्रेंकुलाइज किया, उसके बाद फंदे से मुक्त करवाया। टीम ने बाद में उसे कोटा बायोलॉजिकल पार्क में प्राथमिक उपचार के बाद छोड़ दिया। मामले में डीएफओ ने अज्ञात शिकारियों के विरुद्ध वन्य जीव संरक्षक अधिनियम में कार्यवाही करने के निर्देश दिए है।
डीएफओ ने अपनी मौजूदगी में करवाया रेस्क्यू
जिला उपवन संरक्षक सोनल जोरिहार ने तत्परता दिखाते हुए फंदे में फंसे पैंथर को सुरक्षित और सकुशल रखने के लिए तत्काल कोटा से टीम बुलाकर अपनी उपस्थिति में रेस्क्यू करवाया। कोटा से आए महेश शर्मा एवं पशु चिकित्सक विलास राव ने पैंथर को ट्रेंकुलाइज किया। उसके बाद फंदे में फंसे पैंथर की गर्दन को निकाला। टीम में शामिल वन कर्मियों ने कुछ समय मशक्कत कर पैंथर को वाहन से पहले कोटा चिड़ियाघर पहुंचाया, वहां प्राथमिक उपचार कर बाद में पैंथर को बायोलॉजिकल पार्क में छोड़ दिया गया।
नहीं हो रही प्रभावी गश्त, वन्यजीवों पर संकट
वन क्षेत्र में इन दिनों पैंथर सहित अन्य वन्यजीवों का मूमेंट अधिक होने से शिकारियों की भी निगाहें इस क्षेत्र में टिकी हुई है। वन विभाग द्वारा प्रभावी गश्त और निगरानी नहीं रखी जा रही। कई बार छोटे बड़े वन्यजीव ट्रेन की चपेट में आने से अकाल मौत का शिकार हो जाते हैं। पिछले दिनों भीमलत क्षेत्र में एक पैंथर की ट्रेन की चपेट में आने से मौत हो गई थी।
शिकारियों को बख्शा नहीं जाएगा
जिला उपवन अधिकारी सोनल जोरीहार ने बताया कि तकरीबन सुबह 10 बजे पैंथर के जाल में फंसे होने की सूचना डाबी वन रेंज क्षेत्र से मिली थी। सूचना पर भीलवाड़ा जिला और बूंदी जिला वन विभाग के अधिकारी मौका स्थल पर पहुंचे, जहां कोटा से आई रेस्क्यू टीम ने पैंथर को ट्रेंकुलाइज किया। जोरीहार ने बताया कि शिकारियों ने पैंथर का शिकार करने के लिए फंदा जाल के रूप में लगा रखा था। जैसे ही फंदे में पैंथर ने मुंह दिया तो दोबारा नहीं निकल पाया। जिसके कारण वह भाग भी नहीं सका, उन्होंने कहा कि पैंथर पूरी तरह सुरक्षित है। पेंथर को ट्रेंकुलाइज कर कोटा के अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क में ले जाकर छोड़ दिया गया है। पैंथर के शिकार की कोशिश करने वालों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। शिकारियों को बख्शा नहीं जाएगा।