18 साल के प्रज्ञानंद ने दी कड़ी टक्कर, लेकिन टाइब्रेकर में हार के कारण विश्व खिताब से रहे दूर

नई दिल्ली. भारतीय शतरंज के ग्रैंडमास्टर रमेशबाबू प्रज्ञानंद ने फिडे वर्ल्ड कप शतरंज टूर्नामेंट के फाइनल मुकाबले में दमदार प्रदर्शन किया, लेकिन वो खिताब जीतने से वंचित रह गए। उन्हें दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी मैग्नस कार्लसन के हाथों शिकस्त झेलनी पड़ी। फाइनल के तहत दो दिन में दो बाजी खेली गईं और दोनों ही ड्रॉ पर खत्म हुईं। इसके बाद टाईब्रेकर से नतीजा निकला। तीन दिन तक चले फाइनल मुकाबले में 4 बाजियों के बाद नतीजा निकला। 18 साल के प्रज्ञानंद ने शुरूआती दोनों बाजियों में 32 साल के कार्लसन को कड़ी टक्कर दी। दोनों के बीच मंगलवार को पहली बाजी खेली गई, जो 34 चालों तक गई थी, मगर नतीजा नहीं निकल सका। दूसरी बाजीर 30 चालों में ड्रॉ पर खत्म हुई। शुरूआती दोनों बाजी ड्रॉ होने के बाद गुरुवार (24 अगस्त) को टाईब्रेकर से नतीजा निकला. टाईब्रेकर के तहत प्रज्ञानंद और कार्लसन के बीच 2 बाजियां खेली गईं।
दोनों के बीच पहला टाई ब्रेकर गेम 47 चाल तक गया। इसमें भारतीय ग्रैंडमास्टर प्रज्ञानंद को शिकस्त मिली थी। दूसरे गेम में कुछ दमदार प्रदर्शन किया, मगर जीत नहीं सके। दूसरा टाई ब्रेकर गेम ड्रॉ पर खत्म हुआ।

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