हीटर की गर्मी से तप रहा रावण व उसका परिवार

संदेश न्यूज। कोटा.
दशहरा मेले में रावण दहन के लिए तैयार किए जा रहे रावण, मेघनाद व कुंभकरण के पुतलों को धूप नहीं मिल पाने के कारण उनकी नमी नहीं निकल पा रही। ऐसे में उन्हें जलाने में होने वाली परेशानी को देखते हुए इन पुतलों को सुखाने के लिए कारीगरों को 2 बड़े हीटर की गर्मी, 10 बड़े कूलर और 10 तूफान पंखों की हवा का सहारा लेना पड़ रहा है। रावण बनाने वाले संवेदक अनीस ने बताया कि उन्होंने 4 सितंबर से रावण बनाने का काम शुरू किया था, बांस की बल्लियों से स्ट्रक्चर का आधा हिस्सा तैयार हो गया था, लेकिन 12 सितंबर को आए अंधड़ के कारण रावण बनाने के लिए लगाया डोम गिर गया, जिसके कारण स्ट्रक्चर खत्म हो गया। उसके बाद दुबारा माल लाकर काम शुरू किया, लेकिन उसके बाद लगातार बारिश के कारण रावण, मेघनाद और कुंभकरण के पुतले के ऊपर मेदा की लुगदी लगाने के बाद तैयार डिजाइन को सुखाने में काफी परेशानी हो रही है। इसको देखते हुए निगम की ओर से 2 बड़े हीटर, 10 बड़े कूलर और 10 तूफान पंखे लगा रखें हैं, ताकि हीटर की गर्मी और हवा से ये सूख सके। संवेदक व कारीगर अनीस ने बताया कि रावण का पुतला 101 फीट और मेघनाद व कुंभकरण के पुतले 55-55 फीट के होंगे। ये पुतले 90 प्रतिशत तैयार हो चुके हैं। अब मात्र साज-सजावट का काम बचा है। इन पुतलों को तैयार करने में 25 कारीगर रात दिन काम कर रहे हैं। इस कुनबे में 300 किलो मेदा, 300 किलो रस्सी, 2500 बांस की बल्ली, 300 किलो बोरी का टाट, 300 किलो धोती और साड़ी, 4500 किलो रद्दी का इस्तेमाल हो रहा है।

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