संदेश न्यूज। कोटा.
निगम के अधिकारियों की लापरवाही के कारण सिटी बसों का कोटा शहर में संचालन बंद हो गया, जिस कारण आमजन को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। शहर में सिटी बसों के बंद होने से लोग आक्रोशित हैं, लोगों का कहना है कि पहले ही इसे चालू कराने में सालों लग गए और एक बार फिर इसे बंद करना, शहर की जनता के साथ अन्याय है। कांग्रेस सरकार के प्रयासों से ही इसे शुरू किया जा सका था। अधिकारी बसें चालू करने का प्रयास कम व टालमटोल ज्यादा कर रहे हैं। आर्या ट्रांस साल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंधक किशन कुमार ने बताया कि प्रशासन को एक माह पहले ही बता दिया था कि 16 सितम्बर को एग्रीमेंट समाप्त हो रहा है, उसके बाद भी अधिकारियों ने कोई ध्यान नहीं दिया। संभागीय आयुक्त, जिला कलक्टर व उपायुक्त को पूरी जानकारी थी उसके बाद भी आगे कार्य करने की अनुमति नहीं दी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 से ही भुगतान बकाया चल रहा है, उसके बाद भी कार्य संचालित किया जा रहा था। भुगतान रोका गया, इसके बारे में भी कोई जानकारी नहीं दे रहे हैं। एग्रीमेंट समाप्त होने के कारण ही सिटी बसों को बंद किया गया है। सिटी बसों के फिर से संचालन की मांग को लेकर कांग्रेस प्रतिनिधि मंडल बुधवार को दोपहर 12 बजे महापौर व आयुक्त से मिलेगा।
मुआवजे के सर्वे को देखते हुए नहीं करें हड़ताल- संभागीय आयुक्त
पटवार संघ द्वारा संभाग में की जा रही हड़ताल के संबंध में संभागीय आयुक्त एलएन सोनी ने पटवार संघ के प्रतिनिधियों से मंगलवार को बुलाकर मानवीय आधार पर अतिवृष्टि से हुए नुकसान का सर्वे करने की समझाइश की। संभागीय आयुक्त ने बताया कि संभाग में अतिवृष्टि एवं बाढ के कारण फसल एवं सम्पत्ति का नुकसान हुआ है। ऐसी परिस्थिति में किसानों एवं आम नागरिकों को नियमानुसार तात्कालिक सहायता के लिए सर्वे किया जाना आवश्यक है। उन्होंने मानवीय आधार पर पटवार संघ के प्रतिनिधियों को समझाइश करते हुए कहा कि संकट की इस घड़ी में असहयोग आन्दोलन को समाप्त कर फसल खराबा की गिरदावरी एवं नुकसान का सर्वे कर मानवीयता का परिचय दें। इस अवसर पर पटवार संघ कोटा के अध्यक्ष इन्द्रराज सिंह, राधेश्याम, हरीश, भू अभिलेख निरीक्षक बाबूलाल व धनराज कुमावत ने संघ की मांग के बारे में जानकारी देते हुए मार्च माह में की गई हड़ताल अवधि का वेतन दिलाने की बात रखी। हालांकि संभागीय आयुक्त की उपस्थिति में पटवार संघ के प्रतिनिधियों के साथ हुई चर्चा के बाद भी हड़ताल समाप्ति पर सहमति नहीं बन सकी।