संदेश न्यूज। कोटा.
शहर में परिवहन के सबसे सस्ते साधन सिटी बसों के चक्के सात दिन से थमे हैं। इससे यात्रियों को भारी परेशानी हो रही है। गरीबों के लिए तो सिटी बस एक बड़ी राहत साबित हो रही थी, लेकिन अब ऐसे लोगों को अपने बजट से बाहर जाकर शहर में एक स्थान से दूसरे स्थान पर आना-जाना पड़ रहा है। इधर सिटी बसें बंद होने के सात दिन बाद भी अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों में कुछ खास हलचल नजर नहीं आ रही। अधिकारी व जनप्रतिनिधि इस मामले में टालमटोल में लगे हैं। जिला कलक्टर ओमप्रकाश कसेरा के समक्ष जब ये मामला पहुंचा तो उन्होंने तत्काल सिटी बस की फाइल को तलब किया। उन्होंने कहा कि एग्रीमेंट को बढ़ाने का मामला है, उसे शीघ्र ही बढ़ा दिया जाएगा। नवरात्र, दशहरा व दिवाली के पर्व पर सिटी बसों को बंद किए जाने से शहर की जनता को परेशानी भुगतनी पड़ रही है। निगम उपायुक्त कीर्ति राठौड़ ने इस सम्बंध में पूर्व में कहा था कि फाइल जिला कलक्टर के समक्ष भेज दी है। जबकि जिला कलक्टर ने जानकारी मिलने पर अब स्वयं फाइल को तलब किया है। गौरतलब है कि आर्य ट्रांस सॉल्यूशन प्राइवेट लिामिटेड को भुगतान नहीं मिलने के कारण उसने कोटा में बसों का संचालन बंद कर दिया है। 10 रूटों पर चल रही सभी 24 बसों को कम्पनी ने रोडवेज वर्कशाप कुन्हाड़ी में खड़ा कर दिया है। 16 सितम्बर को ही बसों को संचालित करने के लिए किया गया एग्रीमेंट खत्म हो गया और सात दिनों तक बिना अनुमति के ही बसों का संचालन किया गया, लेकिन 22 सितम्बर से इसे पूर्ण रूप से बंद कर दिया गया है। महापौर मिलेंगे जिला कलक्टर से : महापौर महेश विजय ने कहा कि उन्होंने एक पत्र जिला कलक्टर को लिखा है, जिसमें उन्होंने त्यौहारी सीजन को देखते हुए करीब चार माह तक एक्सटेंशन किए जाने की बात कही है। उन्होंने कहा कि सोमवार को जिला कलक्टर से मुलाकात कर जो भी समस्या आ रही है, उसे दूर करने का प्रयास किया जाएगा।
भुगतान के बिना सिटी बसों का संचालन मुश्किल
बसों का संचालन कर रही कम्पनी के मैनेजर किशन कुमार ने बताया निगम के अधिकारियों को कई बार अवगत करा दिया था कि 16 सितम्बर को एग्रीमेंट खत्म हो रहा है, साथ ही बकाया भुगतान भी नहीं हो रहा है। आर्य ट्रांस सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड निगम से बकाया राशि का भुगतान करने के लिए भी कई बार कह चुकी है। कम्पनी का करीब साढेÞ पांच करोड़ रुपए बकाया चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि शनिवार को भी उपायुक्त को अवगत कराया है, लेकिन कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि निगम एक्सटेंशन तो कर देगा, लेकिन भुगतान का क्या होगा। भुगतान के बिना बसों को लम्बे समय तक चला पाना मुश्किल होगा।