काबुल.
अफगानिस्तान में राष्ट्रपति पद के प्रबल दावेदार अशरफ गनी और उनके कट्टर प्रतिद्वंद्वी मुख्य कार्यकारी अधिकारी अब्दुल्लाह अब्दुल्लाह ने राष्ट्रपति चुनाव में अपने-अपने वोट डाले। गनी ने यहां अमानी हाई स्क्लू स्थित मतदान केंद्र पर वोट डाला। मतदान करने आये सभी लोगों तथा सुरक्षा के लिए तैनात सुरक्षा बलों के प्रति भी आभार प्रकट किया। ‘आज खुशी का दिन है क्योंकि लोग एक बार फिर राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान कर रहे हैं।’ उन्होंने चुनाव प्रक्रिया में मदद करने के लिए सभी अंतरराष्ट्रीय सहयोंगियों को भी धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, ‘शांति अफगान लोगों की पहली मांग है और ये चुनाव शांति तक पहुंचने के लिए ही है। हमारी योजना तैयार है और हम सावधानी से चलेंगे।’ इस बीच अब्दुल्ला ने यहां नाद्रिया हाई स्कूल में अपना वोट डाला। ‘हम सभी सरकारी अधिकारियों से इस प्रक्रिया में हस्तक्षेप नहीं करने और लोगों को वोट देने की अनुमति देने का आग्रह करते हैं।’ वर्ष 2001 में तालिबान के कब्जे से शासन छीने जाने के बाद चौथी बार हो रहे राष्ट्रपति के चुनाव में 14 उम्मीदवार कड़ा संघर्ष कर रहे हैं। आतंकवादी समूह भी चुप नहीं है। तालिबान ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यह शांति के लिए पिछली प्रतिबद्धताओं के बावजूद पूरी चुनाव प्रक्रिया को पटरी से उतार देगा। तालिबान की धमकी के बीच अफगानिस्तान में शनिवार को राष्ट्रपति चुनाव के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में सुबह मतदान शुरू हुआ। अफगानिस्तान में मतदान सुबह सात बजे से शुरू होकर शाम के पांच बजे तक चलेगा। चुनाव नतीजे 19 अक्टूबर तक आने की संभावना है। चुनाव में उतरे उम्मीदवार को जीतने के लिए 50 फीसदी मत लाने अनिवार्य है। किसी भी उम्मीदवार को 50 फीसदी मत नहीं आने की स्थिति में शीर्ष दो उम्मीदवारों के बीच दूसरा दौर का चुनाव नवंबर में कराए जाएगा। अफगानिस्तान में कुल 95 लाख से ज्यादा मतदाता अपने अधिकार का प्रयोग करेंगे। इन चुनाव में अशरफ गनी सहित 15 उम्मीदवार अपना भाग्य आजमा रहे हैं। तालिबान ने चुनाव का बहिष्कार करने का ऐलान किया है। चुनाव प्रचार के दौरान अफगानिस्तान में कई विस्फोटक घटनाएं घटी थी जिसमें सैकड़ों लोगों की मौत हो गयी थी।