प्रयागराज. शाहजहांपुर में लॉ कॉलेज की छात्रा के यौन शोषण के आरोपी पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री चिन्मयानंद (73) को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने संत समाज से निष्कासित करने का फैसला किया है। हालांकि, 10 अक्टूबर को हरिद्वार में होने वाली अखाड़ा परिषद की बैठक में अखाड़ों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में इस पर मुहर लगेगी। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि एक ओर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संत समाज का माथा ऊंचा कर रखा है। वहीं चिन्मयानंद ने अपने कृत्य से संत समाज को अपमानित किया। यह कृत्य निंदनीय ही नहीं, अक्षम्य भी है। इसके बाद चिन्मयानंद को संत कहने का कोई औचित्य नहीं है। इससे संत समाज की प्रतिष्ठा और मर्यादा को क्षति पहुंची है। संत समाज इस मामले से आहत है। चिन्मयानंद महा निर्वाणी अखाड़े का महामंडलेश्वर थे। अयोध्या आंदोलन में भी उसने अहम भूमिका निभाई थी। जनवरी, 1986 में वह राम जन्मभूमि आंदोलन संघर्ष समिति का संयोजक बने थे। 2011 में भी आश्रम की एक महिला ने उस पर यौन शोषण के आरोप लगाए थे।