संदेश न्यूज। कोटा.
जहां एक ओर नगर निगम शहर से लगातार मवेशी पकड़ने का दावा करते नहीं थक रहा, वहीं दूसरी ओर इन मवेशियों का निगम की किशोरपुरा स्थित कायन हाउस गौशाला पहुंचते ही दुर्गति होना शुरू हो जाती है। कायन हाउस में शहर से पकड़े हुए मवेशियों को कुछ समय के लिए रखा जाता है, फिर इन्हें यहां से बंधा स्थित नगर निगम की गौशाला में भेज दिया जाता है। किशोरपुरा कायन हाउस गौशाला की लगभग 6 माह से पीछे के बाड़े की दीवार टूटी हुई है, जिसके कारण मवेशियों को सफाई के दौरान अस्थाई बाड़े में रखा जाता है। जो दस फीट चौड़ा और 50-60 फीट लंबा है। इसमें मात्र 50 से 60 गौवंश रखने की क्षमता है, जबकि निगम प्रशासन प्रतिदिन सुबह 8 से दोपहर 12 बजे तक लगभग 200-250 मवेशी ठूंस-ठूंसकर भर देता है। जिसके कारण मवेशियों का सांस लेना भी मुश्किल हो जाता है। ऐसी स्थिति में कई बार छोटे बछड़े एवं कमजोर मवेशी बेहोश होकर नीचे गिर जाते हैं और बड़े मवेशी इन्हें रौंद देते हैं। जिससे कई बार इनकी जान चली जाती है। इस दुर्गति की जानकारी मिलने पर शुक्रवार को पार्षद बृजेश शर्मा नीटू, इन्द्र कुमार जैन, छात्रसंघ अध्यक्ष विनयराज सिंह, समाजसेवी युधिष्ठिर खटाणा जब गौशाला पहुंचे तो वहां पर एक बीमार गाय को कायन हाऊस प्रभारी गोविन्द दिलावर ने मरा हुआ बता दिया। जब पार्षद नीटू ने कहा कि यह गाय तो सांस ले रही है और जिंदा है एवं आप लोगों की लापरवाही से जिंदा गाय की आंख कौवे खा गए। आक्रोशित पार्षद बृजेश शर्मा नीटू ने वहीं से महापौर को कायन हाऊस की भयावह मंजर से अवगत कराया। तो महापौर ने तुरंत अधिशासी अभियंता कुरैशी, सहायक अभियंता एवं गौशाला प्रभारी बब्बू गुप्ता को मौके पर भेजने की बात कही। वहीं पार्षद इंद्र कुमार जैन ने भी निगम उपायुक्त कीर्ति राठौड़ को स्थिति से अवगत कराया। कुछ देर बाद अधिकारियों के पहुंचते ही पार्षद बृजेश शर्मा नीटू, इंद्र कुमार जैन, छात्रसंघ अध्यक्ष विनयराज सिंह ने उन्हें खरी खोटी सुनाते हुए कहा कि आपकी लापरवाही से सैंकड़ों गौवंश परेशान हो रहे हैं। 6 माह से पीछे के बाड़े की दीवार का निर्माण कार्य क्यों नहीं हो रहा, जबकि एक वर्ष पूर्व हमने स्वयं आपके साथ बैठकर 25 लाख रुपए का टीनशेड निर्माण एवं अन्य विकास कार्यों का तकमीना भी बनवाया था। इस पर अधिशासी अभियंता ने कहा कि वो तकमीना आयुक्त के पास है और दीवार का कार्य हम हर हाल में कल से शुरू करा देंगे। पार्षद नीटू ने बताया कि विगत तीन वर्ष से यहां पर मां परिवार संस्था जनसहयोग से प्रतिदिन एक गाड़ी हरा चारा, खल-चापड़ और गुड़ आदि की व्यवस्था करा रहा है। इस व्यवस्था को देख रहे संस्था के रमेश गुप्ता प्रतिदिन सुबह 10 बजे से 11 बजे तक यहां पर अपनी सेवाएं देते हैं। जैन सोशल गु्रप मैत्री के अध्यक्ष मनोज जैन जैसवाल भी समय-समय चारा व गुड़ आदि की व्यवस्था करते रहते हैं। वहीं दूसरी ओर निगम छह महीने में मात्र दो लाख रुपए की लागत की दीवार तक नहीं बनवा पा रहा है।