भोपाल.
मध्यप्रदेश में बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित नीमच और मंदसौर जिलों को भारी बारिश से आज भी राहत की उम्मीद नहीं है।
स्थानीय मौसम केंद्र के मुताबिक आज अलीराजपुर, आगर-मालवा, मंदसौर एवं नीमच जिलों में अतिभारी वर्षा तथा उज्जैन, इंदौर, देवास, शाजापुर, रतलाम, झाबुआ, श्योपुर, खरगोन, बड़वानी एवं राजगढ़ जिलों में कहीं कहीं भारी बारिश होने की आशंका है। राजधानी भोपाल में गरज चमक के साथ बारिश की बौछारें पड़ सकती हैं। इसी बीच मुुख्यमंत्री कमलनाथ के निर्देश पर वर्षा प्रभावित जिलों के जान-माल की रक्षा और बचाव के काम युद्धस्तर पर तेज कर दिए गए हैं। आधिकारिक जानकारी के अनुसार जिला प्रशासन ने चौबीसों घंटे मुस्तैद रहते हुए आपदा से निपटने की पूरी तैयारी कर ली है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव राजस्व एवं संबंधित जिले के कलेक्टर से सतत संपर्क रखकर बाढ़ की स्थिति की जानकारी ली और उन्होंने आवश्यक निर्देश दिए। मुख्यमंत्री के निर्देश पर वर्षा से प्रभावित 36 जिलों में बचाव और राहत के काम तत्काल शुरू किए गए हैं। राज्य आपदा मोचक बल (एसडीआरएफ) और राष्ट्रीय आपदा मोचक बल (एनडीआरएफ) के साथ स्थानीय जिला प्रशासन को सक्रिय किया गया है। प्रभावित क्षेत्र में 255 जिला आपदा रिस्पांस सेंटर और 51 आपात आॅपरेशन सेंटर खोले गए जो 24 घंटे काम कर रहे हैं। एसडीआरएफ के 100 और 600 प्रशिक्षित होमगार्ड के जवान बचाव कार्य में लगाये गए हैं। एनडीआरएफ के 210 तथा 1500 हजार होमगार्ड और पुलिस के जवान राहत और बचाव कार्यों में तैनात किए गए हैं। दूसरी ओर नीमच और मंदसौर में बहुत तेज बारिश और गांधीसागर बांध से पानी की निकासी के कारण कई स्थानों पर लगातार बाढ़ के हालात कायम हैं। गांधीसागर बांध के सभी 19 गेट खोलकर दो दिन से पानी की निकासी शुरू की गई थी। यह अतिरिक्त पानी राजस्थान में रावतभाटा स्थित राणाप्रताप सागर, बूंदी जिले में जवाहरसागर तथा कोटा में कोटा बेराज से होते हुए चंबल नदी में छोड़ा जा रहा है। चंबल नदी उफनती हुई वापस मध्यप्रदेश के मुरैना और भिंड से गुजरती हुई उत्तरप्रदेश के इटावा होते हुए यमुना नदी में मिलती है। इसी के चलते चंबल नदी की बाढ़ के कारण राज्य के भिंड और मुरैना में भी लगातार बाढ़ के हालात बने हुए हैं। मुरैना में चंबल नदी खतरे के निशान से करीब ढ़ाई मीटर ऊपर बह रही है। जिले के पांच गांवों के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है। करीब 60 गांवों में अलर्ट घोषित किया गया है। भिंड जिले में भी चंबल नदी के उफान के कारण करीब 8 गांव टापू बन गए हैं। राजस्थान की सीमा से सटे श्योपुर जिले में भी चंबल, पार्वती और कालीसिंध नदी में उफान से श्योपुर का राजस्थान के कोटा एवं सवाईमाधोपुर का सड़क मार्ग अवरुद्ध है। श्योपुर एवं कोटा के बीच पार्वती नदी का पानी पुल से करीब 23 फीट ऊपर बह रहा है। जिले के दो गांवों के पूरी तरह बाढ़ में घिरने से करीब दो सैंकड़ा लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। जिला प्रशासन ने सेना से मदद मांगी है। जल संसाधन विभाग के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सुभाष गुप्ता ने बताया कि कल दिन भर मंदसौर से लेकर कोटा राजस्थान व चम्बल संभाग के तीनों जिलों श्योपुर, भिंड और मुरैना में गांधीसागर बांध का जलस्तर 1312 की कुल क्षमता के विपरीत 1318 पर बढ़ने से स्थिति चिंताजनक बनी रही। जिला प्रशासन ने उत्तरप्रदेश के बबीना सेना छावनी प्रमुख को पत्र लिखकर सेना के जवान व दो मोटरबोट की मांग की है। कल चम्बल व पार्वती नदी का पानी दो गांवों सांड व सुंडी में घुसने से करीब दो सैंकड़ा लोगों को सुरक्षित निकाला गया।