नए अस्पताल में शुरू हुआ पोस्टमार्टम रूम

संदेश न्यूज। कोटा.
संभाग के सबसे बडेÞ मेडिकल कॉलेज के नए अस्पताल में लम्बे इंतजार के बाद पोस्टमार्टम रूम को बुधवार से शुरू कर दिया गया।मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. विजय सरदाना व अस्पताल अधीक्षक डॉ. चन्द्रशेखर सुशील व कांग्रेस सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता प्रकोष्ठ के प्रदेशाध्यक्ष क्रांति तिवारी ने पोस्टमार्टम रूम को शुरू किया। इस अवसर पर उन्होंने पूरे पोस्टमार्टम रूम का निरीक्षण किया और अधीक्षक व फोरेंसिक विभाग के एचओडी डॉ. अशोक मूंदडा से पूरी जानकारी ली। शुरू किए गए पोस्टमार्टम रूम में 13 शवों को रखने की व्यवस्था है, एक मॉड्यूलर चैम्बर बनाया गया है जहां टैम्परेचर को आवश्यकता अनुसार कम ज्यादा किया जा सकता है। वहां भी शवों को रखने की व्यवस्था रहेगी, वहीं एक बड़ा फ्रीजर है, जहां 6 शवों को रखा जा सकेगा। फिलहाल यहां 7 शवों को रखने की व्यवस्था रहेगी।
चम्बल संदेश ने प्रमुखता से उठाया था मामला
मेडिकल कॉलेज के नए अस्पताल में पोस्टमार्टम की व्यवस्था नहीं होने से परिजन की मौत से पहले से ही दुखी लोगों को शव को नए अस्पताल से कई किमी दूर एमबीएस अस्पताल ले जाना पड़ता था। इससे उन्हें भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। चम्बल संदेश ने इस मामले को प्रमुखता से उठाया। इसके बाद मेडिकल कॉलेज व अस्पताल प्रशासन ने इसे गंभीरता से लेकर पोस्टमार्टम रूम की शुरुआत की। मेडिकल कॉलेज प्रशासन की उदासीनता से पोस्टमार्टम रूम 5 साल से बंद ही था, जिसके ताले बुधवार को खुले।
व्यक्ति की मृत देह को पूरा सम्मान मिलना चाहिए
मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ.विजय सरदाना ने कहा कि जीवित व्यक्ति के लिए कर्इं प्रकार की व्यवस्थाएं की जाती हैं, लेकिन व्यक्ति की मृत देह को भी पूरा सम्मान मिलना चाहिए। चालू की गई मोर्चरी में आगामी समय में और अधिक व्यवस्थाएं की जाएगी। आने वाले समय में यहां वर्क लोड बढेÞगा उसे देखते हुए अतिरिक्त प्रयास किए जाएंगे। एमबीएस चिकित्सालय में भी 10 शवों को रखने की व्यवस्था है। लेकिन उसमें से 7 फ्रीजर खराब पडेÞ हैं। उन्होंने बताया कि मोर्चरी के लिए डॉ.गिरीश शर्मा को लगाया गया है। इस अवसर पर डॉ. आरपी मीणा, थानाधिकारी हरिश भारती समेत कर्इं लोग मौजूद रहे।

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