संदेश न्यूज। कोटा.
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के मौके पर इस बार शहर में ऐसा माहौल नजर आया कि हर तरफ बापू की ही चर्चा थी। कहीं देशभक्ति गीत तो कहीं गांधी के भजन गूंज रहे थे। कहीं संगोष्ठी का आयोजन तो कहीं रैली में महात्मा गांधी के जयकारे लग रहे थे। वहीं लोग अपने प्यारे बापू की याद में रक्तदान कर सामाजिक सरोकार निभा रहे थे। इस मौके पर लोगों ने लाल बहादूर शास्त्री को भी उनकी जयंती पर याद किया।
गांधी ने देश-दुनिया को दिखाई सत्य व अहिंसा की राह
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती एवं पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती के अवसर पर प्रशासन की ओर से जिले भर में विभिन्न स्थानों पर कई कार्यक्रम आयोजित किए। मुख्य समारोह गांधी उद्यान में आयोजित किया गया, जहां संभागीय आयुक्त एलएन सोनी, डीआईजी रवि गौड़, महापौर महेश विजय, जिला कलक्टर ओमप्रकाश, पुलिस अधीक्षक शहर दीपक भार्गव, उप महापौर सुनिता व्यास एवं गांधी जयंती आयोजन समिति के संयोजक पंकज मेहता सहित जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों ने गांधीजी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।समारोह में संभागीय आयुक्त सोनी ने कहा कि महात्मा गांधी के सिद्धांत, विचारधारा आज भी देश-दुनिया को सत्य, अहिंसा के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दे रहे हैं। डीआईजी ने कहा कि गांधीजी के विचार समाज के नवनिर्माण एवं सत्य अहिंसा की स्थापना के लिए आज भी प्रासंगिक हैं। महापौर ने कहा कि गांधी एक विचाधारा है जिसे अपनाकर विश्व को राह दिखाई जा सकती है। जिला कलक्टर ने कहा कि गांधीजी के सिद्धांतों, आदर्शों को अपना कर अपना जीवन सफल करने के साथ देश दुनिया की उन्नति में भी भागीदार बना जा सकता है।
सिंघानिया स्कूल में मनाया श्रद्धांजलि दिवस
संदेश न्यूज। कोटा. सर पदमपत सिंघानिया स्कूल में बुधवार को विद्यालय के संस्थापक गोविन्द हरि सिंघानिया की पुण्य तिथि के अवसर पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। विद्यालय के प्राचार्य प्रवीण कुमार, उप प्राचार्य अंजली चौधरी, समस्त शिक्षक-शिक्षिकाओं एवं विद्यार्थियों ने गोविंद हरि सिंघानिय के चरण कमलो में श्रद्धा सुमन अर्पित किए। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150 वीं जंयती एवं पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के जन्मदिवस के अवसर पर सर्वधर्म प्रार्थना, भजन एवं प्रेरक प्रसंगों के माध्यम से उन्हें याद किया। इस मौके पर किशोर सागर तालाब पर स्वच्छता अभियान की दृढ़ता को बनाए रखने के लिए नुक्कड़ नाटक व जागरुकता रैली के माध्यम से लोगों को स्वच्छ भारत, सुंदर भारत व स्वस्थ भारत के निर्माण के लिए प्रेरित किया गया। विद्यालय में पोस्टर मेकिंग, स्लोगन राइटिंग एवं निबंध लेखन गतिविधियों का आयोजन कर विद्यार्थियों को प्रेरित किया गया। फैंसी ड्रेस के माध्यम से गांधीजी के तीनों बंदरों ने बुरा मत देखो, बुरा मन बोलो, बुरा मत सुनो का संदेश दिया। इको क्लब के सदस्यों एवं विद्यार्थियों द्वारा पौधारोपण भी किया गया।
पूरा विश्व मान रहा बापू के आदर्श: त्यागी
कोटा. रामपुरा स्थित गांधी चौक में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की मूर्ति पर शहर कांग्रेस कमेटी की ओर से काग्रेसजनों ने माल्यार्पण कर गोष्ठी का आयोजन किया। गोष्ठी के बाद स्टेशन पर पूर्व प्रधान लालबहादुर शास्त्री की जयंती पर उनकी मूर्ति पर भी माल्यार्पण किया। जिसकी अध्यक्षता शहर कांग्रेस कमेटी उपाध्यक्ष जगदीश थाड़ा ने की। शाम 4 बजे पार्टी कार्यालय में रामधुन का कार्यक्रम किया। गांधी जयंती पर शहर अध्यक्ष रविंद्र त्यागी ने शहीदों को नमन करते हुए कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के आदर्शो को पूरा विश्व मान रहा है, गांधी के आंदोलन में अनेक स्वतंत्रता सेनानियों की जाने गई थी, गांधीजी के बदौलत देश को आजादी मिली। गोष्ठी को प्रमुख रूप से पीसीसी सदस्य डॉ. जफर मोहम्मद, पीसीसी महासचिव पूनम गोयल, पूर्व महापौर डॉ रत्ना जैन, महासचिव रामेश्वर सुवालका, प्रतिपक्ष नेता अनिल सुवालका आदि मौजूद थे।
संप्रभुता की रक्षा के लिए गांधी दर्शन आज भी प्रासंगिक: डॉ. शर्मा
जवाहर लाल नेहरू शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय सकतपुरा में गांधी जयंती पर आयोजित समारोह में मुख्य अतिथि डॉ. लखन शर्मा ने गांधीजी के सप्तशिक्षा बिन्दुओं सत्य, अहिंसा, ब्रह्मचर्य, अस्तेय, अपरिग्रह, प्रार्थना और स्वास्थ्य का उल्लेख करते हुए
कहा कि गांधी दर्शन मानवता एवं राष्ट्रीय संप्रभुता की रक्षा के संदर्भ में आज भी प्रासंगिक है। डॉ. शर्मा ने बताया कि गांधी-दर्शन में सत्य का पक्षधर रहने की तात्विक विचारणा है। सत्य ईश्वर का रूप है। जब स्वजीवन में सत्य के सार्वजनिक उद्घाटन की क्षमता व्यक्ति में आ जाती है तो वह मनसा-वाचा-कर्मणा, सुनीति, न्याय एवं मानव धर्म के पालन में स्वअनुशासित हो जाता है। यही से जीवन का परिष्करण प्रारंभ हो जाता है। अहिंसा का संकल्प मानव-जीवन में काम, क्रोध, मद, लोभ, मोह आदि विकारों पर विजय प्राप्ति में अचूक सिद्धतन्त्र है। ब्रह्मचर्य पालन भी एक महान शक्ति साधना है, जिससे तर्कशक्ति, शारीरिक शक्ति, अध्यात्म शक्ति सहित आत्मबल एवं वैचारिक शुद्धि जैसे विलक्षण गुणों का आविर्भाव होता है। उन्होंने कहा कि किसी के पुरुषार्थ का फल चुराना या अधिकार हड़प लेना महापाप है। डॉ. शर्मा ने गांधीजी के दर्शन ‘बुरा मत सोचो, मत देखो, मत कहो’ की महत्ता भी बताई। कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं को परितोषिक वितरण भी किया गया। महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ.अंजना व्यास ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। प्राचार्य ने लाल बहादुर शास्त्री एवं महात्मा गांधी के पदचिन्हों पर चलकर राष्ट्रसेवा के निर्वाह का संकल्प दिलवाया।