दिल्ली में खतरे के निशान से पार हुआ यमुना का जलस्तर

नई दिल्ली
दिल्ली में यमुना किनारे निचले इलाकों में सोमवार को जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया। राहत कार्य में लगे लोगों ने करीब 10 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से और पानी छोड़े जाने के कारण नदी में जल स्तर और बढ़ा है।
खतरे के निशान के पार पहुंचा जलस्तर
हथिनीकुंड बैराज से लगातार पानी छोड़ने के चलते यमुना का जलस्तर बढ़ रहा है। मंगलवार सुबह जलस्तर 205.90 मीटर पर पहुंच गया जो खतरे के निशान से 0.61 मीटर ज्यादा है। इससे पहले सोमवार रात नौ बजे तक जलस्तर 205.54 मीटर रेकॉर्ड किया गया था, जबकि खतरे का निशान 205.33 मीटर है। आज शाम 4 से 6 बजे के बीच यमुना का जल स्तर 206.20 मीटर तक पहुंच सकता है।
हरियाणा ने छोड़ा 8.3 लाख क्यूसेक पानी
सेंट्रल वॉटर कमीशन के अधिकारियों का कहना है कि रविवार को हरियाणा से 8.3 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था जिसका असर आज दिखेगा। हरियाणा से इतनी भारी मात्रा में पानी इससे पहले कभी नहीं छोड़ा गया।
निगमबोध घाट हुआ जलमग्न
निचले इलाकों में रह रहे लोगों को दिल्ली सरकार की विभिन्न एजेंसियों द्वारा बनाए गए दो हजार से अधिक टेंटों में भेजा गया है। उधर, पूर्वी दिल्ली में निगमबोध घाट का एक हिस्सा भी सोमवार को बाढ़ में डूब गया।
ट्रैफिक में बदलाव, अब इन रास्तों से जाएं
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने यमुना के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए एतहितायतन लोहे के पुल पर ट्रैफिक मूवमेंट बंद कर दिया है। ट्रैफिक पुलिस ने बताया है कि राजाराम कोहली मार्ग से सलीमगढ़ बाइपास होते हुए रिंग रोड पर निकलकर कश्मीरी गेट होते हुए लोग नॉर्थ दिल्ली की तरफ कहीं भी जा सकते हैं। इसी तरह राजाराम कोहली माग से शांति वन होते हुए सेंट्रल दिल्ली की तरफ भी जा सकते हैं।
यमुना पर लोहे का पुल बंद 
यमुना नदी पर बने पुराने लोहे के पुल को अधिकारियों ने सड़क और रेल यातायात के लिए बंद कर दिया है क्योंकि पानी का स्तर खतरे के निशान 205.33 मीटर से अधिक हो गया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘यमुना के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए करीब 10 हजार लोगों को निचले इलाकों से निकालकर प्रशासन द्वारा बनाए गए राहत टेंटों में भेजा गया है।’
ट्रेनों के बदल सकते हैं रूट
नॉर्दर्न रेलवे के अधिकारियों का कहना था कि वह यमुना के जलस्तर पर नजर रखे हुए हैं और हालात को देखते हुए ही ट्रेनों के रूट डाइवर्ट करने का फैसला किया जाएगा।
यमुना पर लोहे का पुल बंद 
यमुना नदी पर बने पुराने लोहे के पुल को अधिकारियों ने सड़क और रेल यातायात के लिए बंद कर दिया है क्योंकि पानी का स्तर खतरे के निशान 205.33 मीटर से अधिक हो गया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘यमुना के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए करीब 10 हजार लोगों को निचले इलाकों से निकालकर प्रशासन द्वारा बनाए गए राहत टेंटों में भेजा गया है।’
अगले दो दिन काफी अहम 
केजरीवाल ने कहा है कि अगले दो दिन ‘अहम’ होंगे और लोगों को आश्वासन दिया कि स्थिति से निपटने के लिए सभी प्रबंध कर लिए गए हैं। उन्होंने लोगों से भयभीत नहीं होने की अपील की। मुख्यमंत्री ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि निचले इलाकों से 23,800 से अधिक लोगों को हटाए जाने की आवश्यकता है। निचले इलाकों में रह रहे लोगों को दिल्ली सरकार की विभिन्न एजेंसियों द्वारा बनाए गए दो हजार से अधिक टेंटों में भेजा गया है। उधर, पूर्वी दिल्ली में निगमबोध घाट का एक हिस्सा भी सोमवार को बाढ़ में डूब गया।
हेल्पलाइन नंबर जारी 
दिल्ली सरकार ने स्थिति से निपटने के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी कर दिए हैं। सरकार ने कहा कि आने वाले दो दिन काफी गंभीर हैं। किसी प्रकार की मदद के लिए 011-22421656 और 011- 21210849 पर कॉल की जा सकती है।
पहले भी दिख चुका है विकराल रूप
1978 में उत्तरी दिल्ली के ऊपरी इलाके में भी बाढ़ का पानी घुस गया था और हजारों लोग प्रभावित हुए थे। 2013 में हरियाणा ने 8.1 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा था जिससे यमुना का जलस्तर 207.3 मीटर तक पहुंच गया था।
क्या-क्या तैयारी
किसी भी तरह की आपातकालीन परिस्थिति से निबटने के लिए तीन बोट स्टैंडबाय मोड में हैं। पूर्वी दिल्ली के डीएम के महेश ने बताया कि एसडीएम, जिला प्रशासन के अधिकारियों, सिविल डिफेंस वॉल्युंटिअर्स, जिला आपदा प्रबंधन के कर्मचारी भी अलर्ट पर हैं। राहत कार्यों के लिए कुल 53 बोट तैयार हैं जबकि जिन 30 स्थानों पर बाढ़ का ज्यादा असर की संभावना है, वहां एक-एक बोट भेजे जा चुके हैं। 10 हजार लोगों को निचले इलाकों से हटा लिया गया है जबकि अन्य 13 हजार लोगों को हटाने की तैयारी है। सरकार ने मयूर विहार एक्सटेंशन के पास चिल्ला गांव में बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए टेंट्स लगाए हैं। सोमवार दोपहर बाद करीब 80 टेंट्स लगाए गए हैं। दिल्ली जल बोर्ड की तरफ से पोर्टेबल वॉशरूम्स की भी व्यवस्था की गई है। बाढ़ पीड़ितों के लिए भोजन की भी व्यवस्था की गई है।

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