बेंगलुरू. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने देश में बनाए गए हल्के लडाकू विमान तेजस को देश के रक्षा शोध संस्थानों की सबसे बड़ी उपलब्धि करार देते हुए गुरुवार को कहा कि इसमें निर्यात की असीम संभावनाएं हैं। सिंह ने आज सुबह 10 बजे तेजस के दो इंजन वाले विमान में उड़ान भरी। तेजस में उड़ान भरने वाले वह देश के पहले रक्षा मंत्री हैं। उन्होंने उड़ान पूरी होने के बाद पत्रकारों से कहा कि इस विमान में उड़ान भरने वाले देश के पहले रक्षा मंत्री होने पर उन्हें काफी गर्व है और यह अपने आप में एक रोमांचकारी अनुभव रहा है। सिंह ने कहा कि उन्हें देश के वैज्ञानिकों, हिन्दुस्तान एयरोनाटिकल लिमिटेड (एचएएल) के इंजीनियरों तथा सशस्त्र बलों पर नाज है और उन्होंने दिखा दिया है कि वे विश्व में किसी से कम नहीं है। उन्होंने कहा कि इस विमान में निर्यात की काफी संभावनाएं हैं और यह दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों को निर्यात किया जा सकता है तथा इस दिशा में सरकार उत्साहित है। रक्षा मंत्री ने लडाकू विमान की अपनी उड़ान को बहुत ही आरामदायक बताते हुए कहा कि तेजस जैसा विमान विकसित करके हमने विश्व को अपनी क्षमता का परिचय दे दिया है। सिंह ने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि केन्द्र सरकार अपनी रक्षा एजेंसियों एचएएल और डीआरडीओ को पूरी मदद देगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश पूरी तरह सुरक्षित है और मोदी देश के राष्ट्रीय हितों को सर्वाधिक महत्व देंगे। रक्षा मंत्री का तेजस में उड़ान भरने का यह कदम एचएएल तथा वायुसेना के लिए मनोबल बढ़ाने वाला है और इससे सरकार तथा सेनाओं के तेजस में विश्वास का पता चलता है। डीआरडीओ ने गत 21 फरवरी को ही तेजस को युद्ध के लिए सक्षम लड़ाकू विमान का प्रमाण पत्र दिया था। इससे पहले पूर्व रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल लड़ाकू विमान सुखाई में उड़ान भर चुकी हैं।