नई दिल्ली. बाजार सलाह एवं शाख निर्धारक कंपनी क्रिसिल ने चालू वित्त वर्ष में ग्रामीण आय में कमजोर वृद्धि की आशंका जताते हुये कहा है कि ट्रैक्टरों की बिक्री में पाँच से सात प्रतिशत तक गिरावट की संभावना है। कंपनी ने मंगलवार को जारी रिपोर्ट में कहा है कि ट्रैक्टर उद्योग मुख्य रूप से ग्रामीण आय और मानसून पर निर्भर है। पिछले वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में कृषि उत्पादन में वृद्धि नहीं होने से ग्रामीण आय प्रभावित हुई। साथ ही कृषि उत्पादों के दाम नहीं बढ़ने से कृषि से होने वाले मुनाफे में भी कमी आई है। पिछले वित्त वर्ष में रिकॉर्ड 8.78 लाख ट्रैक्टरों की बिक्री हुई थी जिसके चालू वित्त वर्ष में पाँच से सात प्रतिशत घटने की आशंका है। ट्रैक्टरों की बिक्री में आम तौर पर 10 से 11 प्रतिशत तक का योगदान निर्यात का होता है, लेकिन चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में निर्यात भी 28 फीसदी घट गया है। ग्रामीण बुनियादी ढाँचों पर कम निवेश के कारण गैर-कृषि कार्यों से आने वाली ट्रैक्टर की माँग में पिछले कुछ महीने में कमी आयी है। क्रिसिल का मानना है कि आने वाले समय में ट्रैक्टरों की बिक्री दुबारा जोर पकड़ सकती है। लंबे समय में देश में ट्रैक्टरों की बिक्री मजबूत बने रहने की उम्मीद है। देश में अभी ट्रैक्टर की उपलब्धता प्रति हेक्टेयर 1.5 हॉर्स पावर है जबकि विदेशों में यह छह से सात हॉर्स पावर के बीच है। इसलिए आगे बिक्री में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। क्रिसिल रेटिंग्स के निदेशक गौतम शाही ने ‘पिछले कुछ सप्ताह में अच्छी बारिश होने से चालू वित्त वर्ष में मानसून के सामान्य रहने की संभावना बढ़ी है। यह आने वाले समय में कृषि से प्राप्त आय और ट्रैक्टरों की माँग के लिए शुभ संकेत है।’