लखनऊ
जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने के बाद सियासी दलों की तकरार खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। कश्मीर दौरे से लौटाए जाने के बाद राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर हमला बोला था। ऐसे में अब बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की मुखिया मायावती ने सियासी पंडितों को चौंकाते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा है। मायावती ने इशारों में राहुल गांधी के कश्मीर जाने के फैसले को गलत बताया। मायावती ने कहा कि कांग्रेस या अन्य पार्टी के नेताओं के कश्मीर जाने से केंद्र और वहां के राज्यपाल सत्यपाल मलिक को राजनीति करने का मौका मिल रहा है। मायावती ने ट्वीट करके बताया कि बीएसपी ने आखिर क्यों संसद में आर्टिकल 370 हटाए जाने का समर्थन किया। मायावती ने ट्वीट किया, ‘बाबा साहेब डॉ. भीमराव आम्बेडकर हमेशा ही देश की समानता, एकता और अखंडता के पक्षधर रहे हैं, इसलिए वे जम्मू-कश्मीर राज्य में अलग से धारा 370 का प्रावधान करने के कतई भी पक्ष में नहीं थे। इसी खास वजह से बीएसपी ने संसद में इस धारा को हटाए जाने का समर्थन किया।’
केंद्र सरकार पर प्रियंका, राहुल का अटैक
बता दें कि हालात का जायजा लेने के लिए कश्मीर जाने का प्रयास कर रहे राहुल गांधी समेत विपक्ष के नेताओं को राज्य प्रशासन ने शनिवार को श्रीनगर एयरपोर्ट से बाहर जाने की इजाजत नहीं दी और उन्हें वापस दिल्ली भेज दिया था। ऐसे में राहुल ने केंद्र सरकार पर तीखा निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि विपक्ष के नेताओं और मीडिया के लोगों को श्रीनगर जाने का प्रयास करते समय प्रशासनिक क्रूरता और जम्मू कश्मीर के लोगों पर किए जा रहे बल के बर्बर प्रयोग का अहसास हुआ। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा था कि कश्मीर के लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों को कथित तौर पर ताक पर रखने से ज्यादा कुछ भी ‘राजनीतिक’ और ‘राष्ट्रद्रोह’ नहीं है।
‘कश्मीर में हालात सामान्य होने में लगेगा थोड़ा वक्त’
मायावती ने आर्टिकल 370 हटाए जाने को लेकर हो रही राजनीति पर कहा कि देश में संविधान लागू होने के लगभग 69 वर्षों के बाद इस आर्टिकल 370 की समाप्ति के बाद अब वहां पर हालात सामान्य होने में थोड़ा समय अवश्य ही लगेगा। इसका थोड़ा इंतजार किया जाए तो बेहतर है, जिसको माननीय कोर्ट ने भी माना है। विपक्ष पर हमला बोलते हुए मायावती ने लिखा, ‘ऐसे में अभी हाल ही में बिना अनुमति के कांग्रेस और अन्य पार्टियों के नेताओं का कश्मीर जाना क्या केंद्र और वहां के गवर्नर (सत्यपाल मलिक) को राजनीति करने का मौका देने जैसा इनका यह कदम नहीं है? वहां पर जाने से पहले इस पर भी थोड़ा विचार कर लिया जाता, तो यह उचित होता।’