संदेश न्यूज। कोटा.
कोटा में गुरुवार का दिन उत्साह और उत्सव के साथ बरसात के भी नाम रहा। यहां चार घंटे में तीन इंच (78.6 एमएम) बरसात रिकॉर्ड की गई। उधर, गांधी सागर बांध से पानी की निकासी के बाद कोटा बैराज से भी पानी छोड़ा गया। रात 11.30 बजे कोटा बैराज से 3 लाख 30 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया जो कि इस सीजन की सर्वाधिक निकासी थी। इससे नदी किनारे की कई बस्तियां डूब में आ गई। शाम करीब 4 बजे घने बादल छा गए। घनघोर अंधेरा होने से दोपहर में ही वाहनों की हेड लाइटों के साथ-साथ घरों की लाइटें ऑन करनी पड़ गई। इसके बाद मूसलाधार बरसात का दौर शुरू हुआ। तेज हवाओं के साथ हुई बरसात से चारों तरफ अफरा-तफरी मच गई। तेज हवाओं से टीन-टप्पर, होर्डिंग्स और गणेश शोभायात्रा के स्वागत में जगह-जगह लगे पंडाल धाराशाही हो गए। कई पेड़ों से शाखाएं टूट गर्इं। सड़कों पर भारी मात्रा में पानी बह निकला। इसके बाद भी देर रात तक कभी हल्की कभी तेज बरसात होती रही। मौसम विभाग ने बताया कि 4.30 बजे 20 से 30 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चली तेज हवाओं के साथ मूसलाधार बारिश शुरू हो गई। कोटा बैराज से रात 11.30 बजे तीन लाख 30 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया। यह पानी बैराज के 15 गेटों से छोड़ा गया। बाड़ नियंत्रण कंट्रोल रुम ने बताया कि गांधी सागर से 12 गेट खोलकर 2 लाख 84 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया। यहां बिजली बनाकर मशीनों से भी 5 हजार 600 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। इसके अलावा रावतभाटा बांध से 10 गेट खोलकर तीन लाख 39 हजार 460 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। यहां मशीनों से भी 13 हजार 58 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। कंट्रोल रुम ने बताया कि सबसे ज्यादा पानी जवाहर सागर बांध से छोड़ा जा रहा है। यहां से 9 गेट खोलकर 3 लाख 69 हजार 325 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है।
रावण के पुतले बनाने का काम रुका
दशहरा मैदान में रावण के पुतले बनाने का काम भी तेज बरसात के चलते रुक गया। तेज अंधड़ के साथ आई बारिश में पुतले बनाने के लिए बनाया डोम भी धराशायी हो गया। कनिष्ठ अभियंता भुवनेश नवरिया मौके पर पहुंचे ही थे कि उन्होने रावण के पुतले बनाने का काम करने वाले मजदूरों को डोम से निकाला, कुछ मिनट बाद ही पूरा डोम ही गिर गया। समय रहते मजदूरों को निकालने के दौरान बड़ा हादसा टल गया। रावण के पुतले बनाने का काम रुक गया।
बारिश-अंधड़ से 4 घंटे तक आधे शहर में अंधेरा
बरसात के बाद शहर में कई इलाकों की बिजली गुल हो गई। अंधड के कारण करीब 4 घंटे तक तो लोग अंधेरे में रहे, कॉल सेंटर पर शिकायत भी दर्ज नहीं हुई। बिजली कंपनी बिजली की शिकायतों को लेकर बेबस नजर आई। बिजली बंद होने वाले क्षेत्रों में कलक्टर बंगला, सिविल लाइन, स्टेशन के कई क्षेत्र, महात्मा गांधी कॉलोनी, देव नगर, काला तालाब, बोरखेड़ा, बजरंग नगर, सरस्वती कॉलोनी, आकाशवाणी सहित कई क्षेत्रों में बिजली बंद रही। बिजली कंपनी के सीओओ मुकेश गर्ग के अनुसार जुलूस मार्ग की पूरी लाइनों के बंद होने और उनमें कंरट की सूचना मिलने के कारण सभी फाल्ट एक्शन टीमों को इधर तैनात कर दिया गया था, जिसके कारण दूसरी शिकायतों को जुलूस मार्ग की व्यवस्था सुधारने के बाद ठीक करवाया गया।