संदेश न्यूज। कोटा.
औद्योगिक क्षेत्र में भू परिवर्तन के मामले को लेकर कोटा व्यापार महासंघ ने आंदोलन की चेतावनी दी है। महासंघ ने प्रेसवार्ता आयोजित कर चेतावनी दी है कि समय रहते यदि सरकार ने औद्योगिक क्षेत्र में बंद हो चुके उद्योगों की जगह अन्य व्यवसायिक गतिविधियों की इजाजत नहीं दी तो आरपार की लड़ाई लड़ी जाएगी। संघ के महासचिव अशोक माहेश्वरी ने बताया कि पिछले 10 सालों में कोटा का औद्योगिक वातारण पूरी तरह बिगड़ चुका है। यहां छोटे-बड़े करीब 700 अब तक बंद हो चुके हैं। सरकार द्वारा कोई प्रोत्साहन योजना नहीं लाने से उद्यमियों को भारी घाटा उठाना पड़ रहा है। घाटे की पूर्ति के लिए 2010 से उद्यमियों ने यहां कोचिंग संस्थान, होटल, मॉल, कम्प्यूटर प्रशिक्षण केंद्र, पेट्रोल पंप, इलेक्ट्रानिक शोरूम, किराने और खाने-पीने एवं कृषि औजार और बीज की दुकानें तथा आॅटो मोबाइल शोरुम खोल लिए। इसके लिए निर्धारित शुल्क लेकर राजस्थान राज्य औद्योगिक विकास एवं निवेश निगम (रीको) ने उद्यमियों को अन्य व्यवसाय करने की अनुमति दे दी। अपनी नीति में बदलाव लाते हुए रीको ने उद्योगों के अलावा अन्य व्यवसाय करने की अनुमति देना बंद कर दिया। साथ ही अन्य व्यवसायों को बंद करने के लिए नोटिस देना भी शुरु कर दिया। इसके अलावा जबलपुर मुख्यालय रीको ने निरस्त भूखंडों को अधिग्रहित कर तीन महीने के भीतर निलामी के आदेश भी जारी कर दिए। इस आदेश के बाद यहां चल रहे 10 बडेÞ कोचिंग संस्थानों व 125 हॉस्टलों पर बंद होने की नौबत आ गई है। अशोक माहेश्वरी ने बताया कि इतनी बड़ी संख्या में कोचिंग संस्थान और हॉस्टल बंद होने से व्यापारियों के अरबों रुपए डूबने के साथ 50-60 हजार विद्यार्थी की पढ़ाई तथा करीब 10 हजार लोगों का रोजगार छिछने के भी अवसर पैदा हो गए हैं। माहेश्वरी ने बताया कि मामले के हल की मांग को लेकर शुक्रवार को जिला कलक्टर को मुख्यमंत्री के नाम का एक ज्ञापन सौंपा जाएगा। इसके बाद जयपुर जाकर भी मुख्यमंत्री से मिलने का कार्यक्रम हैं। यदि इसके बाद भी मामले का हल नहीं निकला तो आंदोलन की रणनीति तैयार की जाएगी।
एक भी उद्यमी को नहीं दी भू उपयोग परिवर्तन की इजाजत
इस संबंध में रीको के वरिष्ठ क्षेत्रीय मैनेजर एसके गर्ग ने कहा कि उद्यामियों ने भू परिवर्तन के लिए केवल आवेदन दिए हैं। अभी तक एक भी उद्यमी को औद्योगिक भू परिवर्तन की इजाजत नहीं दी है। उद्यमियों और व्यापारियों द्वारा नियम विरुद्ध तरीके से दवाब बनाया जा रहा है। गर्ग ने बताया कि रीको द्वारा अब तक 57 भूखंडों पर संचालित अन्य व्यवसायिक गतिविधियों को बंद करने के लिए नोटिस जारी किए गए हैं। उद्योगों के अलावा अन्य गतिविधियां बंद होने पर अधिग्रहण कर कर भूखंडों की निलामी की जाएगी। गर्ग ने कहा कि यह नीतिगत मामला है। यदि सरकार अपने नियमों में बदलाव करती है तो रीको अपनी गतिविधि रोक देगा।