दिनेश कश्यप @ संदेश न्यूज
कोटा. कोचिंग, साड़ी, स्टोन के लिए प्रसिद्ध कोटा के नाम में एक और ख्याति जुड़ गई है, अब माता वैष्णों देवी का दरबार देख लोगों को कोटा की याद आएगी। जी, हां, वैष्णों देवी के दरबार में हाल ही में सोने का काम करवाया गया है, यह काम कोटा के कारीगरों द्वारा किया गया है, इस नए कामकाज को नवरात्र में खोला जाएगा। इस दरवाजे के एक ओर माता लक्ष्मीजी का चित्र और दूसरी ओर आरती लिखी है। कोटा के स्टेशन स्थित महात्मा गांधी कॉलोनी निवासी कय्यूम बेग व उनके परिवार ने एक माह की मेहनत से यह कार्य किया है। 96 फीट लंबी पारंपरिक गुफा के इस दरवाजे को नवरात्र में थाईलैंड, हॉलेंड, मलेशिया, सिंगापुर से मंगवाए फूलों और फलों से सजाया जाएगा। पहले गुफा के बाहर संगमरमर का दरवाजा होता था, जो अब सोने की चमक से जगमगाएगा। यह पारंपरिक गुफा सिर्फ सर्दियों में कुछ दिनों के लिए ही श्रद्धालुओं के लिए खोली जाती है। हालांकि हर दिन पुजारी आरती के लिए इस पारंपरिक गुफा वाले दरवाजे का इस्तेमाल करते हैं। भगवान गणपति की तस्वीर, मंत्र, गुंबद, छत्र, ध्वज, नौ सीढ़ियां भी सोने से बनाई गई है।
12 किलो सोने के बिस्किट से बने वर्क
कारीगरों ने बताया कि सोने के इस दरवाजे को श्राइन बोर्ड की नई डोनेशन पॉलिसी के अंतर्गत बनाया गया है। इस दरवाजे को 1 महीने में कारीगरों ने गुफा के पास ही तैयार किया है। श्राइन बोर्ड ने इसके लिए विशेष कारीगरों का चयन किया। इस दरवाजे को ठोस चांदी से बनाया जिस पर परत सोने की है। इस दरवाजे के साथ छत्र, ध्वजा, आरती, कलश, जय माता दी लिखा हुआ बोर्ड सहित कई जगह सोने का लेप है। इसमें 12 किलो सोने के बिस्किट से वर्क बनाकर काम किया गया। परिवार के कोटा के जाकिर बेग, सादिक बेग (गुड्डू), वाजिद बेग, फैजान बेग, दीपू, ताहिर बेग, इकबाल भाई, अखलाक भाई भी ये कार्य कर रहे हैं।
विशेष किताब में बनता है सोने का वर्क
चाइना से एक विशेष प्रकार की डायरी आती है, जिसमें 160 पन्ने होते हैं। प्रत्येक पन्ने पर करीब 400 मिलीग्राम का एक सोने का टुकड़ा रखा जाता है और सभी पन्नों को पत्थर व हथोडों से कूटा जाता है, जो धीरे-धीरे वर्क की शक्ल ले लेते हैं। 30 ग्राम सोने में 160 वर्क बनाए जाते हैं। ये सभी कार्य हाथ से किया जाता है। 12 किलो सोने के पहले वर्क बनाए गए और उसके बाद उन्हें चढ़ाया गया। शाहिद ने बताया कि लक्ष्मीजी का पिल्लर, मंत्र, दरवाजा, आरती, ध्वजा, सूर्यदेव, माता के शेर, बारीक नक्काशी, जय माता दी सहित कई जगह पर सोने के वर्क को चढ़ाया गया है।
सोमनाथ व पशुपतिनाथ मंदिर में भी होगा कार्य
शाहिद ने बताया कि सोमनाथ व पशुपति नाथ नेपाल में भी बात चल रही है। सोमनाथ के मंदिर पर 25 किलो और पशुपतिनाथ मंदिर पर 10 किलो सोने की नक्काशी व अन्य कार्य किए जाएंगे। शाहिद ने बताया कि वे बिजौलिया के जैन मंदिर, मुम्बई, दिल्ली, गजानंद महाराज का मंदिर, शेहगांव पूणे का मंदिर सहित कई जगह काम कर चुके हैं। परिवार करीब 150 साल से सोने व चांदी के वर्क बनाकर मंदिरों में कार्य कर रहा है। कोटा में गोदावरी धाम हो चाहे चांदमारी बालाजी सोने व चांदी का वर्क ये तैयार करते हैं।