संदेश न्यूज। कोटा.
चिकित्सा विभाग मौसमी बीमारियों की रोकथाम लिए घर-घर सर्वे कर लोगों को समझा रहा है कि वह ज्यादा दिन तक पानी को अपने आसपास जमा नहीं होने दें, वहीं समय-समय पर कूलर, पानी की टंकी, गमले व पानी जमा होने के स्थान को साफ रखें ताकि डेंगू, मलेरिया के लार्वा नहीं पनपे। लेकिन दूसरी ओर एमबीएस चिकित्सालय में ही पानी की टंकियां पिछले लम्बे समय से साफ नहीं हो रही है, जिस कारण यहां पानी की टंकियों में काई जम गई और मरीजों को मजबूरन दूषित पानी पीने को मजबूर होना पड़ रहा है। कोटा उत्तर के पार्षदों ने जब एमबीएस की छत पर रखी पानी की टंकियों को देखा तो उसमें ढकान तक नहीं था और पानी के अंदर कीडे, मरे पडेÞ थे, कचरा हो रहा था और बदबू आ रही थी। पार्षद बृजेश शर्मा नीटू के साथ पहुंचे पार्षदों व अन्य लोगों ने एक-एक टंकियों को देखा तो हालात ठीक नहीं थे। इस दौरान जिस टंकी से आॅपरेशन थेयटर में सप्लाई जाती है उस पानी की टंकी में भी काई जमी हुई थी और कीडेÞ व कोकरोच पडेÞ हुए थे। कई टंकियों पर सफाई की तारीख 16 जून 2016 थी, जिससे लगता है कि घोर लापरवाही बरती जा रही है और मरीजों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। इस दौरान उन्होंने पूरी जानकारी अधीक्षक डॉ. नवीन सक्सेना को दी, जिस पर उन्होंने आश्वस्त किया कि यदि ऐसा है तो सभी टंकियों को साफ किया जाएगा। इस अवसर पर पार्षद इन्द्रकुमार जैन, चन्द्रप्रकाश सोनी, विकास तंवर, नीरज कुशवाह, वार्ड समन्वयक प्रशान्त सक्सेना, कौशल मेहरा, अभिषेक त्रिपाठी, मयंक सैन भी उपस्थित थे।
5708 घरों का सर्वे किया
संदेश न्यूज। कोटा. जिले में मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए सर्वे जारी है। गुरूवार को चिकित्सा विभाग की 262 टीमों ने 5708 घरों का सर्वे किया, जिसमें से 276 घरों में लार्वा मिला, जिसे मौके पर ही नष्ट किया गया। सीएमएचओ डॉ. भूपेन्द्र सिंह तंवर ने बताया कि टीमों ने 253 16368 पानी के जल स्त्रोत जैसे पानी की टंकियां, कूलर, परिण्डे आदि को चैक कर 1684 जल स्त्रोतों को उपचारित किया गया। 1041 पात्रों में टेमीफोस की दवा डाली गई व 750 स्थानों पर एमएलओ डाला गया।