उत्तराखंड सरकार का लक्ष्य 2020 तक राज्य होगा कुपोषण मुक्त

हरिद्वार.
उत्तराखंड में हरिद्वार जिले के ज्वालापुर में राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने राष्ट्रीय पोषण मिशन कार्यक्रम प्रदर्शनी का निरीक्षण करते हुए कहा कि जिले में कुपोषित बच्चों की संख्या में बढ़ोतरी देखने का मिल रही है। जिले में महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग द्वारा कुपोषण मुक्त जनपद बनाने में किन-किन सामग्री एवं दवाईयो को उपयोग करना चाहिए उन सभी की प्रदर्शनी लगाई गई। कार्यक्रम में मौर्य और महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य मौजूद रही। राज्यपाल ने प्रदर्शनी का निरीक्षण कर सभी सामग्रीयों के बारे में जानकारी ली। इस मौके पर हरिद्वार में कुपोषित बच्चों की संख्या में बढोतरी देखने को मिल रही है जिसकी रोकथाम करने के लिए आज यहां विभाग ने एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। कार्यक्रम में बच्चों को फल, दूध, सब्जियां भरपूर मात्रा में बांटे गए है और बच्चों को कुपोषण का शिकार से बचाने के लिए पोष्टिक आहार मिलना जरुरी बताया। इस कार्यक्रम के माध्यम से अन्य लोगों के बीच भी जागरूकता आयेगी। इस मौके पर आर्य ने बताया प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पोषण अभियान की शुरूवात वर्ष 2018 में की थी जिसका मुख्य उद्देश्य है कि हमें अपने देश को एक सशक्त बनाना है और गर्भवती महिलाओं को शारिरिक रूप से स्वस्थ बनाना है। मंत्री ने बताया कि प्रदेश भर में लगभग 17 हजार बच्चे कुपोषण के शिकार है, जिसमें की 1700 बच्चे अतिकुपोषण के शिकार है। इसी बात को देखते हुए उत्तराखंड सरकार का एक प्रयास है कि कुपोषित बच्चों एवं अतिकुपोषित बच्चों को आंगनवाडी केन्द्रों से टीएचआर मिलें। राज्य सरकार ने इस अभियान को जनादोलन में बदले के लिए उन्होने एक -एक बच्चे को गोद लिए जाने की शुरूवात की है। जिसकी शुरूवात उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने की। मुख्यमंत्री ने एक बच्चों गोद लिया, राज्यपाल ने भी एक बच्चे को गोद लिया। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य वर्ष 2020 तक हमें उत्तराखंड के सभी बच्चों को कुपोषण मुक्त कराना है।

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