संदेश न्यूज। कोटा.
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयन्ती के अवसर पर विज्ञान केन्द्र कोटा में राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद एवं विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा पोस्टर प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। प्रदर्शनी का उदघाटन जिला शिक्षा अधिकारी गंगाधर मीणा ने किया। विज्ञान केन्द्र के परियोजना अधिकारी भुवनेश शर्मा ने बताया कि इस प्रदर्शनी में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के विज्ञान के प्रति विचारों एवं उनके तत्कालीन भारतीय एवं विश्व के वैज्ञानिकों से हुए संवादों को प्रदर्शित किया गया है। 150 वर्ष पूर्व गुजरात के छोटे से तटीय नगर में जन्मे मोहनदास करमचन्द गांधी अपने अहिंसात्मक विरोध, हर कीमत पर सत्य के प्रति अपनी प्रतिबद्धता, निर्धनों के उत्थान एवं गांवों की आत्मनिर्भरता में अपनी आस्था के फलस्वरूप विश्वभर मे प्रशंसा के पात्र है। परन्तु बहुत कम लोगों को उनके विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पर विचारों के बारे में पता है। यह बात बहुत कम लोग जानतें है कि जब वें 1932 में यरवदा केन्द्रीय कारागार में कैदी थे। तब उन्होंने खगोल विद्या में गहरी अभिरूचि दिखाई थी। उन्होंने आकाशीय मानचित्र का उपयोग कर तारों का अवलोकन किया एवं खगोल विज्ञान की अनेक पुस्तकों का ठोस अध्ययन किया। यरवदा करागार में दो दूरबीन थे, जिनका उपयोग वे आकाश अवलोकन में किया करते थे। गांधी समकालीन भारतीय वैज्ञानिकों के संबंध में ऊंची धारणा रखते थे और गांधी ने जेसी बोस द्वारा मातृभाषा में विज्ञान संबंधी लेख लिखे जाने एवं विज्ञान शिक्षा देने के प्रयास का खुले तौर पर समर्थन किया। पत्राचार के माध्यम से गांधी अपने समय के महानतम वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन के संपर्क में थे। आइंस्टाइन ने महात्मा गांधी के लिए कहा था कि आने वाली पीढ़ियां शायद ही इस पर विश्वास कर पाएंगी कि मांस रक्त का ऐसा कोई मनुष्य इस धरती पर आया था। गांधी आधुनिक विज्ञान के विरोधी नहीं थे, वास्तव में गांधीजी प्रौद्योगिकी के नहीं वरन प्रौद्योगिकतावाद के विरोधी थे। गांधी के लिए चरखा केवल आत्मनिर्भरता का प्रतीक ही नहीं था वरन चरखा एवं खादी औद्योगिकीकरण का प्रतीक था। जो भारतीय परिस्थिति के लिए अधिक अनुकूल था। गांधी ने कभी भी आधुनिक विज्ञान के उत्पादों को अस्वीकृत नहीं किया। सूक्ष्मदर्शी से देखते या टेलीफोन पर बात करते हुए गांधी की तस्वीरें दुर्लभ नहीं है । 100 वर्ष से अधिक पूर्व पीसी राय द्वारा स्थापित भारत की पहली दवा कंपनी बंगाल केमिकल एंड फार्मास्यूटिकल के प्रेरणा स्रोत भी गांधीजी ही थे। यह प्रदर्शनी विज्ञान केन्द्र कोटा में 10 अक्टूबर तक सुबह 10 से शाम 6 बजे तक राजकीय कार्य दिवसों में लगी रहेगी।
यहां भी हुए विभिन्न कार्यक्रम
कोटा. महावीर नगर तृतीय स्थित हाड़ौती संस्कृत अकादमी में गांधी एवं शास्त्री का वर्तमान भारत विषय पर निबन्ध प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कोटा द्वारा राजस्थान राज्य भारत स्काउट एवं गाइड, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग तथा लाल बहादुर शास्त्री ग्रुप आॅफ एजुकेशनल इंस्टीट्यूटशन, कोटा की ओर से एलबीएस कैंपस में सर्वधर्म प्रार्थना सभा तथा प्लास्टिक ना-बाबा-ना अभियान का शुभारम्भ हुआ। मेडिकल कॉलेज के नवीन चिकित्सालय के सेवारत फार्मासिस्ट द्वारा गेट नंबर 4 के सामने उद्यान में स्वच्छता अभियान के तहत श्रमदान किया और उद्यान में हो रही गंदगी को साफ किया। राजकीय कला महाविद्यालय के चित्रकला विभाग में विभागाध्यक्ष डॉ. शालिनी भारती के सानिध्य में गांधी जयंती पर व्यक्तित्व विषयक पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। राजकीय कला कन्या महाविद्यालय में काव्यपाठ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कृषि महाविद्यालय व कृषि अनुसंधान केन्द्र उम्मेदगंज में स्वच्छता ही सेवा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें कार्यवाहक अधिष्ठाता प्रोफेसर डॉ. एचआर चौधरी ने गांधीजी के जीवन के बारे में जानकारी देते हुए स्वच्छता की शपथ दिलाई। बाल कृष्ण इस्टीट्यूट आॅफ टेक्नोलॉजी रानपुर में कई प्रतियोगिताएं आयोजित की गई। वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय में राजीव गांधी स्टडी सर्किल के समन्वयक प्रो सतीश कुमार राय ने व्याख्यान दिया। परिवहन विभाग व अन्य सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से गांधी दर्शन प्रासंगिकता विषय पर विचार गोष्ठी व शहर में रैली निकाली गई। कांग्रेस सेवादल के राष्ट्रीय संगठक अनूप कुमार सूद, कोटा देहात सेवादल के जिलाध्यक्ष मनोज दुबे, प्रदेश कांग्रेस सेवादल के सचिव अमित सूद ने बजाज खाना में महात्मा गांधी व लाल बहादुर शास्त्री की जयन्ती पर माल्यार्पण कर गोष्ठी आयोजित की। लायंस क्लब कोटा नोर्थ एवं वृद्ध महिलाओं द्वारा पर्यावरण सुरक्षा पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। वृद्ध महिलाओं ने पर्यावरण बचाओ प्लास्टिक हटाओ का संकल्प लिया। दीपा रस्सेवट ने बताया कि महात्मा गांधी अहिंसा के मार्ग पर चलकर अपना जीवन व्यतीत किया। वृद्धजनो ने गांधी की स्मृति में पौधारोपण किया तथा पॉलीथिन का प्रयोग नहीं करने की शपथ ली। राष्ट्रीय कायस्थ महापरिषद, राजस्थान कायस्थ महासभा के पदाधिकारियों व सदस्यों ने लाल बहादुर शास्त्री की जयंती पर माल्यार्पण किया, गोष्ठी की व पुष्पांजली अर्पित की।
रैगर समाज ने गांधी जयंती मनाई
रैगर समाज छात्रावास के प्रदेश सदस्य पारस वर्मा ने गांधीजी के विचारों पर प्रकाश डाला गया और उनके आदर्शों को जीवन में अपनाने की बात की गई। रैगर समाज की तरफ से धारा 3 एसटी-एससी को वापस यथावत रखने पर सुप्रीम कोर्ट की बेंच का भी धन्यवाद दिया गया। सभा मे मुख्य अतिथि पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मोडूलाल रहे, सभा की अध्यक्षता रामदेव जैलिया ने की, विशिष्ठ अतिथि में पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष मोहनलाल आलोरिया, गम्भीर सिंह जाटोलिया, संभाग अध्यक्ष प्रेमचंद, पूर्व जिला अध्यक्ष देवीलाल रेगर, संभाग वरिष्ठ उपाध्यक जगदीश रेगर, मुकेश रेगर, भेरूलाल मचलपुरिया सहित सैकड़ों समाजबंधु उपस्थित रहे।
गांधी जयंती पर निकाली प्रभातफेरी
राजस्थान राज्य क्रीड़ा परिषद जिला प्रशासन एवं क्षेत्रीय खेलकूद प्रशिक्षण केंद्र द्वारा गोष्ठी आयोजित की गई। इस अवसर पर खिलाड़ियों ने प्रभात फैरी निकाली, जिसमें राजस्थान राज्य क्रीड़ा परिषद की बालिका, फुटबॉल अकेडमी कोटा, सिंघानिया स्कूल, बंसल पब्लिक स्कूल, फुटबॉल क्लब खिलाड़ी, एथेलेटिक्स खिलाड़ी, मॉर्निंग क्लब, ताइक्वांडो खिलाड़ी सहित कई लोगों ने भाग लिया। गांधी जयंती के अवसर पर महेश गौतम व फुटबॉल कोच मीनू ने गांधी जी के जीवन पर प्रकाश डाला।
आईएमए ने निकाली जागरुकता रैली, कपड़े के थैले भी बांटे
इण्डियन मेडिकल एसोसिएशन की ओर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आव्हान पर बुधवार को सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग को रोकने के लिए जागरुकता रैली निकाली। आईएमए के अध्यक्ष डॉ. एस सान्याल ने बताया कि प्लास्टिक के उपयोग को रोकने के लिए लोगों को जागरुक होना होगा। इसके लिए शहर के नामी चिकित्सक हाथों में तख्तियां लेकर आईएल से लेकर विभिन्न मार्गों पर होकर गुजरे। उन्होंने तख्तियों पर प्लास्टिक के थैले को करें ना, कपड़े के थैले को करें हां… प्लास्टिक घटना लक्ष्य हमारा… समेत विभिन्न जागृति संदेश लिखे थे। सचिव डॉ. केके डंग ने बताया कि आईएमए के नेशनल चैप्टर का फिट इंडिया संदेश 2 किमी पैदल चलकर दिया। इस दौरान चिकित्सकों ने मार्ग में पड़े कचरे को भी उठाया। इस दौरान डॉ. राजेन्द चन्देल ने कपड़े के थैले वितरित किए। रैली में डॉ. अविनाश बंसल, डॉ. सुधा पंकज, डॉ. विनोद पंकज, डॉ. राजेन्द्र चन्देल, डॉ. एसके गोयल, डॉ. अनुराग चित्तौड़ा, डॉ. मनोज सिंघल समेत कईं चिकित्सक उपस्थित रहे।