लखनऊ.
उत्तर प्रदेश राज्य विधानसभा के विशेष सत्र का बहिष्कार करने की विपक्षी दलो के एलान के बावजूद कांग्रेसी विधायक अदिति सिंह के बाद प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव भी गुरूवार को सदन की कार्यवाही में शामिल हुये। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के मौके पर राज्य की योगी सरकार द्वारा बुलाये गये 36 घंटे के विशेष सत्र का आज दूसरा और अंतिम दिन है। सत्र का कांग्रेस, बसपा और सपा समेत अन्य प्रमुख विपक्षी दल बायकाट कर रहे है। यादव ने समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक के तौर पर सदन की कार्यवाही में हिस्सा लिया। वह इटावा के जसवंतनगर सीट का विधानसभा में प्रतिनिधित्व करते है सपा ने विधानसभा के विशेष सत्र का बहिष्कार करने की घोषणा की है। इस नाते शिवपाल पार्टी लाइन से विपरीत विधानसभा में बैठे। मौजूदा भाजपा सरकार ने कुछ अच्छे काम किये हैं। सत्ता की कमान ईमानदार और कर्मठ मुख्यमंत्री के हाथों पर है लेकिन कानून व्यवस्था के मसले पर अभी काफी कुछ करना बाकी है। इस मामले में पुलिस प्रशासन के पेंच कसने की जरूरत है। सरकार को उनके विधानसभा क्षेत्र के विकास और समस्यायों के बारे में गंभीरता से विचार करने की जरूरत है। यहां दिलचस्प है कि सपा ने पिछले महीने यादव की सदस्यता रद्द करने के लिये पत्र दिया था। बाद में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने चाचा शिवपाल के प्रति नरम रूख अपनाते हुये उन्हे अपरोक्ष रूप से पार्टी में शामिल होने का प्रस्ताव दिया था। यादव के साथ हरदोई के सपा विधायक नितिन अग्रवाल ने भी विधानसभा की कार्यवाही में हिस्सा लिया। विकास के एजेंडे के साथ बुलाये गये सत्र में विपक्ष को भाग लेना चाहिये। जनता के हित की चर्चा में भाग न लेना दुर्भाग्यपूर्ण है। इन दलों को पिछले दो चुनावों में जनता सबक सिखा चुकी है। रायबरेली की कांग्रेस विधायक अदिति सिंह ने बुधवार रात सदन की कार्यवाही में भाग लेकर सबको चौंका दिया था। सुश्री सिंह ने कहा था कि वह अच्छी तरह जानती हैं कि वे क्या कर रही हैं। वो एक पढ़ी लिखी महिला है और सब कुछ समझ कर ही कर रही हैं। पार्टी लाईन से अलग होकर ही उन्होंने जम्मू कश्मीर सें धारा 370 हटाये जाने का समर्थन किया था क्योंकि वो देश के हित में है। पार्टी आलाकमान यदि इस बारे में उनके खिलाफ कोई कार्रवाई करता है तो वे उसके लिये भी तैयार हैं।